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मुजफ्फरनगर, 4 जनवरी (आईएएनएस)| कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से पीड़ित कई परिवारों से यहां शनिवार को मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मौलाना असद ने मुझे बताया कि पुलिस ने मदरसे के अंदर घुसकर छात्रों को बेरहमी से पीटा और फिर बच्चों को जेल में डाल दिया। प्रियंका शनिवार को सीधे मौलाना असद के घर पहुंचीं, जहां उन्होंने पीड़ितों से बात की।
इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मौलाना असद ने मुझे बताया कि पुलिस ने मदरसे के अंदर घुसकर छात्रों को बेरहमी से पीटा और फिर बच्चों को जेल में डाल दिया। पीड़ितों में किसी का हाथ टूटा हुआ है और किसी के पैरों पर पट्टी हुई है।"
प्रियंका के अनुसार, पीड़ित लोगों का कहना है कि पुलिस ने घरों में घुसकर लोगों के साथ मारपीट की है।
उन्होंने कहा, "हम ऐसे सभी लोगों की सहायता के लिए खड़े हैं, जिन्हें छोड़ दिया गया है। इस संबंध में मैंने राज्यपाल को भी लिखा है। पुलिस ने बिना कारण लोगों को पीटा है। हम कोशिश करेंगे कि जहां-जहां अन्याय हुआ है, हम वहां जाएंगे और पीड़ितों की मदद करेंगे। पुलिस का काम जनता की सुरक्षा करना है, लेकिन यहां तो उल्टा हुआ है।"
प्रियंका गांधी दूसरे परिवार नूर मोहम्मद के यहां गईं। उन्होंने कहा, "यह बहुत ही दर्दनाक है। वह (नूर मोहम्मद की पत्नी) सात माह की गर्भवती है और उसकी छोटी-सी एक बच्ची है।"
इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने रुकैया परवीन से भी मुलाकात की, जिनकी आज शादी होने वाली थी, जो अब चार फरवरी को होगी। प्रियंका ने कहा कि पुलिस ने परवीन के घर में तोड़फोड़ की और उसके घर में रखा दहेज का सामान भी तोड़ दिया।
ज्ञात हो कि प्रियंका गांधी का काफिला नहर की पटरी से होते हुए मुजफ्फरनगर पहुंचा है। कांग्रेसियों के अनुसार प्रियंका गांधी उपद्रव में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगी। यह भी बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी लौटते वक्त मेरठ भी जाएंगी। हालांकि मेरठ के एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि प्रियंका के मेरठ दौरे की पुष्टि नहीं है। उन्हें इसकी कोई औपचारिक सूचना नहीं है।
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