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चंडीगढ़, 17 जनवरी (भाषा) पंजाब विधानसभा में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव के ध्वनिमत से पारित होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि केरल की तरह उनकी सरकार भी इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय जाएगी।
उन्होंने कहा कि पंजाब और विपक्ष शासित अन्य राज्यों में लागू करने के लिए केंद्र को सीएए में आवश्यक संशोधन लाने ही पड़ेंगे।
सिंह ने संवाददाताओं से अनौपचारिक वार्ता में कहा, “केरल की तरह पंजाब भी इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का रूख करेगा।”
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब में जनगणना 2021 पुराने पैमानों पर ही होगी।
उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा जोड़े गए नए घटकों को इस जनगणना में शामिल नहीं किया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को तीन घंटे की चर्चा के बाद पारित किया गया।
सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रस्ताव का समर्थन किया, वहीं भाजपा ने इसका विरोध किया।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने संशोधित कानून के तहत नागरिकता देने के लिए समुदायों की सूची में मुस्लिमों को शामिल करने की मांग की।
सीएए 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रावधान करता है जबकि मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को इससे बाहर रखा गया है।
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