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वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों, पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में 118 नए सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोले जा रहे हैं। सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो जनता से संचार और स्थानीय कलाकारों को अवसर देने का शानदार जरिया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम सामुदायिक रेडियो का विस्तार कई दूसरे क्षेत्रों में कर रहे हैं जो कुछ महीनों में शुरू होंगे।”
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि जिन आवेदनकर्ताओं को सामुदायिक रेडियो केंद्र स्थापित करने के लिए आशय पत्र दिये गए हैं उस सूची में 16 वाम उग्रवाद प्रभावित जिले, 6 वाम उग्रवाद से सबसे अधिक प्रभावित जिले, 25 तटीय जिले 17 आकांक्षी जिले हैं। इसके अलावा पूर्वोत्तर के तीन जिले तथा जम्मू और कश्मीर के दो जिले भी इस सूची में शामिल हैं।
इसमें कहा गया कि गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों- निजी और सार्वजनिक दोनों, और कृषि विज्ञान केंद्रों से प्राप्त आवेदनों को मंजूरी दी गई है।
बयान के मुताबिक उम्मीद है कि ये सामुदायिक रेडियो स्टेशन अगले छह महीने में काम करने लगेंगे।
इसमें कहा गया कि देश के प्रत्येक जिले तक सामुदायिक रेडियो नेटवर्क का विस्तार सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं बनाई गई हैं।
सामुदायिक रेडियो छोटे (कम शक्ति) एफएम रेडियो स्टेशन हैं, जिनका दायरा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के अनुसार करीब 10-15 किलोमीटर होता है।
भाषा
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