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रेलवे: वरिष्ठ नागरिकों को अभी नहीं मिलेंगी रियायतें, रेल मंत्री का संसद में जवाब

लोकसभा में वैष्णव ने कहा कि 20 मार्च, 2020 और 31 मार्च 2021 के बीच 1.87 करोड़ बुजुर्गों ने ट्रेनों से यात्रा की.

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<div class="paragraphs"><p>रेलवे: वरिष्ठ नागरिकों को अभी नहीं मिलेंगी रियायतें, रेल मंत्री का संसद में जवाब</p></div>
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रेलवे: वरिष्ठ नागरिकों को अभी नहीं मिलेंगी रियायतें, रेल मंत्री का संसद में जवाब

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बुधवार, 30 मार्च को लोकसभा में बुजुर्गों की रेलवे में रियायतों पर जानकारी दी. एक जवाब में उन्होंने कहा कि, मार्च 2020 में बुजुर्ग नागरिकों को रेलवे में मिलने वाली छूट बंद करने के बाद से पिछले दो सालों में लगभग सात करोड़ बुजुर्गों ने ट्रेनों से यात्रा की है. उन्होंने ये भी कहा कि मंत्रालय की फिलहाल रियायतें बहाल करने की कोई योजना नहीं है.

बुजुर्गों का डेटा नहीं है उपलब्ध

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में वैष्णव ने कहा कि 20 मार्च, 2020 और 31 मार्च 2021 के बीच 1.87 करोड़ बुजुर्गों ने ट्रेनों से यात्रा की, जबकि 1 अप्रैल, 2021 से फरवरी 2022 के बीच 4.74 करोड़ ने रेल सेवाओं का लाभ उठाया.

उन्होंने ये भी कहा कि लगभग 12 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों (आरक्षित और अनारक्षित दोनों) ने 2019-20 के दौरान यात्री किराए में रियायत का लाभ उठाया. जवाब में कहा गया है कि

"चूंकि अनारक्षित टिकट प्रणाली (UTS) में अनारक्षित वरिष्ठ नागरिक यात्रियों की आयु का जिक्र नहीं किया गया है और इस श्रेणी के लिए रियायत 20.03.2020 से वापस ले ली गई है, तो ऐसे बुजुर्गों का डेटा इस अवधि के लिए उपलब्ध नहीं है."
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दिव्यांगजनों, रोगियों और छात्रों को मिल रही छूट

वैष्णव ने रेलवे में बुजुर्गों के मिलने वाली सुविधा को बंद करने से रेलवे को होने वाली बचत पर कहा, "चूंकि अनारक्षित वरिष्ठ नागरिक यात्रियों की उम्र नहीं ली जाती है और वरिष्ठ नागरिक यात्रियों को रियायतें नहीं मिलती हैं, इसलिए वास्तविक बचत का निर्धारण नहीं किया जा सकता है."

20 मार्च, 2020 से महामारी और कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर, रेलवे ने दिव्यांगजनों की चार कैटेगिरी, 11 श्रेणियों के रोगियों और छात्रों को रियायत जारी रखी है. COVID-19 से उत्पन्न चुनौतियों के कारण, 2020-21 के दौरान जुटाए गए कुल यात्री राजस्व 2019-2020 की तुलना में कम है. उन्होंने कहा कि, रियायतें देने की लागत रेलवे पर भारी पड़ती है.

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