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राजस्थान विधानसभा में वसुंधरा राजे सरकार की ओर से पेश किया ओबीसी आरक्षण बिल पास हो गया है. अब इस बिल को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. बिल को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद गुर्जर आरक्षण का रास्ता साफ हो जाएगा और ओबीसी आरक्षण का कोटा 21 से बढ़कर 26 फीसदी हो जाएगा.
राजस्थान विधानसभा में बुधवार को वसुंधरा राजे सरकार ने पिछड़ा वर्ग नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण विधेयक 2017 पेश किया था. गुरुवार को इस विधेयक को विधानसभा में बहस के बाद पास कर दिया.
राजस्थान हाई कोर्ट ने राजे सरकार को पूर्व के फैसले का पालन न करने और ओबीसी की सभी जातियों की आंकड़ों के आधार पर समीक्षा किये बिना भरतपुर-धौलपुर के जाटों को ओबीसी में फिर से शामिल करने और SBC को ओबीसी में शामिल करके आरक्षण 21 से 26 फीसद करने पर अवमानना नोटिस जारी किया था.
नोटिस में कहा गया है कि कोर्ट ने पहले ही सरकार को पहले प्रदेश में ओबीसी का क्वांटिफाइड डेटा पेश करने और उसके बाद ही आगे की कार्यवाही करने को कहा है. लेकिन 1993 के बाद अब तक सरकार ने ऐसा नहीं किया है बल्कि ये क्वांटिफाइड डेटा पेश किये बगैर ही सरकार ने धौलपुर और भरतपुर के जाटों को ओबीसी में शामिल कर लिया. अब वो ओबीसी आरक्षण को 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने जा रही है. ऐसे में बिना प्रदेश में आरक्षित जातियों का दोबारा क्वांटिफाइड डेटा बनाये सरकार अपनी मनमानी कर रही है जिसे हाईकोर्ट के 10 अगस्त 2015 के आदेश की अवमानना माना है.
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