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राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से सिफारिश की है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए. साथ ही राज्य की सर्वोच्च कोर्ट ने कहा कि गोहत्या पर कानूनों में बदलाव करते हुए इस अपराध के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई जानी चाहिए.अभी तक इस मामले में तीन साल की सजा का प्रावधान है. हाई कोर्ट ने ये सिफारिश हिंगोनिया गौशाला में गायों की मौत मामले पर फैसला सुनाने के दौरान की है.
कोर्ट ने यह भी कहा कि गायों की हिफाजत राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. एंटी करप्शन ब्यूरो के एडीजी को कोर्ट ने आदेश दिया है कि हर तीन महीने के अंदर वो गौशाला का निरीक्षण करेंगे साथ ही यूडीएच सेक्रेटरी और म्यूनिसिपल कमिश्नर को भी हर महीने गौशाला जाने के आदेश मिले हैं.
राजस्थान कोर्ट का ये फैसला सरकार ने उस ऑर्डर के बाद आया है जिसमें केंद्र ने पशु मंडियों में वध के लिए जानवरों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाई है. हालांकि सरकार के इस ऑर्डर का केरल, कर्नाटक और त्रिपुरा की सरकारें जमकर विरोध कर रही हैं. मद्रास हाई-कोर्ट ने केंद्र के इस नोटिफिकेशन पर 1 महीने की रोक लगा दी है.
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