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राज्यसभा में कई दिनों के हंगामे के बाद आखिरकर एससी/एसटी संशोधन अधिनियम सर्वसम्मति से पास हो गया. इसके साथ ही दो अन्य अधिनियमों को भी बिना किसी चर्चा के पास कर दिया गया.
दोपहर 2 बजे राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर शुरू होने के बाद विपक्ष ने बाल न्याय कानून में संशोधन के लिए अधिनियम को विनियोग एजेंडे के रास्ते से लाने के लिए सरकार की आलोचना की.
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार स्वयं ही मामले को उलझाने की कोशिश कर रहा है.
आजाद ने कहा कि इस मामले को कल लाया जा सकता था और सबसे पहले इस पर ही काम होना चाहिए था.
इसके बाद उपसभापति पी जे कुरियन ने एससी/एसटी बिल पर स्वीकृति के पक्ष में मतदान करने के लिए कहा. ये अधिनियम बिना किसी चर्चा के ध्वनि मत से पारित हो गया. कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने पार्टी के कहने पर कुछ प्रावधानों पर अपना मत नहीं दिया. इसके बाद दो अन्य अधिनियम भी बिना किसी चर्चा के पास हो गए.
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने जोर देते हुए कहा कि इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि ये दोनों बिल बिना किसी हो-हल्ले के सर्वसम्मति से पास हुए हैं.
इसके जवाब में सभापति कुरियन ने कहा कि हो-हल्ला कैसे हो सकता है, सदन में इतना अच्छा माहौल है, लेकिन मैं नहीं जानता कि ये कैसे हो रहा है.
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