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रेल बजट में सिग्नल प्रणाली के आधुनिकीकरण को मंजूरी संभव

रेलवे को इस बार सकल बजट सहयोग (जीबीएस) का 65,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.

IANS
न्यूज
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भारतीय रेल यात्र‍ियों का भरोसा जीतने में लगी है
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भारतीय रेल यात्र‍ियों का भरोसा जीतने में लगी है
(फोटो: PTI)

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भारतीय रेलवे की पूरी सिग्नल प्रणाली के पूर्ण आधुनिकीकरण के लिए 78,000 करोड़ रुपये की लागत को आगामी बजट में अन्य सुरक्षा उपायों के बीच मंजूरी मिल सकती है।

रेलवे को इस बार सकल बजट सहयोग (जीबीएस) का 65,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इसमें बीते साल के मुकाबले 10,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। रेलवे अपने अवसंरचना विकास व सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए अपने आंतरिक संसाधनों व बाजार से धन जुटाने के लिए आगे बढ़ रहा है।

हालांकि, 2018-19 का बजट अगले वित्त वर्ष में कामकाजी खर्चो में कमी दिखाने का प्रयास करेगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल पुरानी रेल पटरियों को बदलने और इस राष्ट्रीय परिवहन की सुरक्षा जरूरतों के लिए सिग्नलों को उन्नत करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, भीड़ वाले नेटवर्क में स्वचालित सिग्नल प्रणाली को आधुनिक करने का मकसद सुरक्षा को बढ़ाना व रेल की रफ्तार को तेज करना है।

वित्तमंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को 2018-19 का बजट पेश करेंगे और इस दौरान सुरक्षा व यात्री सुविधाओं को शीर्ष प्रमुखता दिए जाने की संभावना है। बीते साल से रेल बजट का आम बजट के साथ विलय किया गया है। यह 2019 के आम चुनाव से पहले सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा।

मौजूदा सिग्नल नेटवर्क को नई अत्याधुनिक प्रणाली से बदलने के साथ, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली का प्रसार, यूरोपीय रेल नियंत्रण प्रणाली लेवल-2 को शामिल करना और मोबाइट ट्रेन रेडियो संचार प्रणाली रेलवे के उन्नतीकरण एजेंडा का हिस्सा है, जिससे प्रणाली को अगले पांच सालों में बदलने की विस्तृत योजना तैयार की गई है।

देश के विकास को बढ़ाने के लिए रेल क्षेत्र में निवेश महत्वपूर्ण है।

बीते बजट में एक लाख करोड़ रुपये का राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष बनाया गया था। इसके साथ ही बजट में सिग्नलों को स्वचालित बनाने के कदम से सुरक्षा के उपायों को आगे और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

बड़े स्तर पर विद्युतीकरण के अलावा नई लाइनें बिछाने, गेज परिवर्तन व दोहरीकरण भी बजट का हिस्सा बने रहेंगे।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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Published: 28 Jan 2018,07:12 PM IST

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