Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019'रीढ़ की सर्जरी में अब नहीं रहा उम्र का बंधन'

'रीढ़ की सर्जरी में अब नहीं रहा उम्र का बंधन'

'रीढ़ की सर्जरी में अब नहीं रहा उम्र का बंधन'

IANS
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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)| सर्जरी की तकनीक में विकास के कारण रीढ़ की सर्जरी अब किसी भी उम्र में हो सकती है। दिल्ली के आर्थोपेडिक सर्जनों ने 89 साल की महिला की रीढ़ की सफल सर्जरी को अंजाम दिया है। राष्ट्रीय राजधानी स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल मे पिछले दिनों नेपाल के इटाहरी की 89 साल की महिला की रीढ़ की सफल सर्जरी की गई। उस महिला ने इसी अस्पताल में दस साल पहले दोनों घुटनों को बदलवाने का ऑपरेशन भी कराया था। स्पाइन सर्जरी करने वाले अस्पताल के वरिष्ठ आथोर्पेडिक सर्जन डॉ. राजू वैश्य ने कहा कि पिछले एक साल से उनकी कमर में दर्द था जो पैर तक फैल रहा था। पिछले तीन माह के दौरान यह दर्द इतना अधिक बढ़ गया कि उनके लिए चलना फिरना और यहां तक कि आराम से सोना दूभर हो गया।

एक्स रे एवं एमआरआई की मदद से रीढ़ की जांच करने पर पता चला कि एल4 और एस1 हिस्से में स्पाइनल कार्ड में दवाब 'कम्प्रेशन' आ गया था। डॉ. राजू वैश्य एवं उनकी टीम ने 17 अगस्त को उनकी स्पाइनल कॉर्ड में आए दबाव 'डिक्रम्प्रेशन' को हटाने के लिए डिक्रम्प्रेशन सर्जरी तथा रीढ़ को मजबूती प्रदान करने के लिए स्पाइनल फ्यूजन सर्जरी की। सर्जरी ढाई घंटे चली। सर्जरी के बाद मरीज तेजी से स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं और अब वह आराम से चल फिर रही हैं।

डॉ. राजू वैश्य ने कहा कि इस सर्जरी के बाद न केवल मरीज को दर्द से मुक्ति मिलेगी बल्कि वह और लंबी आयु जी सकती हैं। साथ ही उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। अक्सर यह देखा जाता है कि जागरूकता के अभाव के कारण अधिक उम्र में रीढ़ या शरीर के अन्य अंगों में दिक्कत होने पर मरीज की समुचित चिकित्सा नहीं कराई जाती। अगर सर्जरी कराने की नौबत आती है तो अक्सर यह सोचकर सर्जरी टाल दी जाती है कि इतनी अधिक उम्र में सर्जरी खतरनाक हो सकती है, लेकिन आज रीढ़ सर्जरी की तकनीकों में इतना अधिक विकास हो गया है कि अधिक उम्र में भी रीढ़ की सर्जरी सुरक्षित एवं कारगर बन गई है। ऐसे में अधिक उम्र के मरीज को अगर सर्जरी की जरूरत है तो सर्जरी के लाभों से मरीज को वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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