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वित्तमंत्री अरुण जेटली के बजट पेश करने के बाद पीपीएफ पर टैक्स लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर राजनीतिक विरोधियों और सोशल मीडिया पर हो रहे विरोध के बाद सरकार ने इस मुद्दे पर सफाई दी है.
केंद्र सरकार के पीपीएफ पर टैक्स लगाने संबंधी फैसले पर जमकर विरोध का सामना करने के बाद राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने इस मुद्दे पर सरकार का रुख साफ करते हुए कहा कि लोक भविष्य निधि में योगदान पर कर छूट बरकरार रहेगी और इसके साथ ही निकासी पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा.
गौरतलब है कि इससे पहले बजट में ईपीएफ के अलावा अन्य योजनाओं में सभी स्तरों पर छूट की पुरानी व्यवस्था में बदलाव करते हुए एक अप्रैल 2016 के बाद किए गए योगदान पर अंतिम निकासी के समय 60 प्रतिशत योगदान पर रिटायरमेंट टैक्स लगाने के प्रस्ताव से लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है.
सोशल साइट टि्वटर पर #ROLLBACKEPF टॉप पर ट्रेंड कर रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि उनकी कई लोगों से बात हुई है और लोग सरकार के इस प्रस्ताव से बहुत नाराज हैं.
राजस्व सचिव हसमुख अधिया के मुताबिक 15,000 रुपए प्रति माह तक की कम तनख्वाह वाले कर्मचारियों को भी प्रस्तावित ईपीएफ कराधान के बाहर रखा जाएगा.
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