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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ जांच एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के बाद इस पर बैन लगाने की मांग तेज होती जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अन्य राष्ट्रवादी संगठनों के साथ बैठक करने के बाद सरकार से पीएफआई पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
मंच ने सरकार से सवाल पूछा कि पीएफआई अगर इतना ही खतरनाक हो गया है तो उस पर अतिशीघ्र बैन क्यों नहीं लगाया जा रहा है? उसके बैंक अकाउंट फ्रीज क्यों नहीं किए जा रहे हैं? संपत्तियां क्यों नहीं कुर्क की जा रही हैं? पीएफआई के नेता, पदाधिकारी और प्रतिनिधियों पर हिंसक कार्रवाई में संलिप्तता के आधार पर कठोरतम कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? जबकि कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से यह कहा गया था कि कुछ राज्यों में पीएफआई प्रतिबंधित है और केंद्र सरकार भी प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है।
अन्य राष्ट्रवादी संगठनों के साथ बैठक के बाद मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल और शाहिद अख्तर ने पीएफआई को सिमी से भी खतरनाक आतंकी संगठन बताते हुए कहा कि जांच एजेंसी की छापेमारी के दौरान जो कुछ भी बरामद हुआ है उससे इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने का पूरा आधार मिल गया है और इसलिए सरकार को पीएफआई के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करते हुए इस पर तुरंत प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि पीएफआई के खिलाफ जितने भी सबूत मिले हैं उससे साफ पता चलता है कि यह एक आतंकवादी संगठन है जिसकी फंडिंग विदेशों से होती है और जिसकी रैलियों में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगते हैं।
--आईएएनएस
एसटीपी/आरएचए
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