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आरएसएस का नया यूनिफॉर्म अब नागपुर के संघ मुख्यालय में बिकना शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि तकरीबन 10 हजार फुलपैंट दशहरा से पहले बेचे जाएंगे और नई यूनिफॉर्म में ही आरएसएस का दशहरा फंक्शन होगा.
2010- चमड़े की बेल्ट हटाकर कपड़े की बेल्ट का इस्तेमाल करने की आजादी दी गई. लेकिन कपड़े की बेल्ट का ट्रेंड पूरी तरह से संघ कार्यकर्ताओं में नहीं दिखा. आज भी कई कार्यकर्ता चमड़े की बेल्ट का इस्तेमाल करते हैं.
1925-1939 तक संघ में सिर्फ खाकी यूनिफॉर्म था लेकिन 1940 में सफेट शर्ट आया और 1973 लंबे बूट्स को चमड़े के जूतों ने रीप्लेस कर दिया. फिर बाद में रेक्सिन जूतों को भी इजाजत दे दी गई.
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