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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ लोगों के विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी पत्रकार मनीष पांडे ने दर्ज कराई थी।
सोशल मीडिया हैंडल ने कथित तौर पर पत्रकार के पोस्ट को ट्वीट करते समय अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जिसका एसपी से कोई लेना-देना नहीं था और यहां तक कि उसके लिए धमकी भरे संदेश भी पोस्ट किए।
अपनी प्राथमिकी में पांडे ने कहा कि, एसपी मीडिया सेल ने अपने ट्विटर हैंडल से गोरखनाथ मठ पर एक भड़काऊ, विवादास्पद और राजनीति से प्रेरित ट्वीट पोस्ट किया और बदले में उन्होंने 20 नवंबर को ट्वीट कर अपील की कि उन्हें गोरखनाथ मठ पर भद्दी टिप्पणी करने से बचना चाहिए। यह करोड़ों हिंदुओं की भक्ति का केंद्र था।
पत्रकार ने प्राथमिकी में कहा, मैंने लिखा है कि उन्हें गोरखनाथ मठ का राजनीतिकरण करने से बचना चाहिए और खुद को 5 कालिदास मार्ग, भाजपा मुख्यालय और मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास तक सीमित रखना चाहिए। इसके तुरंत बाद, मुझे अपमानजनक और अशोभनीय टिप्पणियां मिलने लगीं।
पांडे ने कहा कि, शुरूआत में उन्होंने टिप्पणियों को नजरअंदाज किया, लेकिन मंगलवार को उन्होंने हदें पार कर दीं। मैंने यह कहते हुए ट्वीट किया कि यूपी के दो अनमोल रतन, इनकी मुस्कान देख कर के कलेजे में धुआं निकल जाता है।
एसपी मीडिया सेल ने अपने जवाब में मेरे खिलाफ अपमानजनक पोस्ट किए और उनकी टिप्पणियों ने मुझे अपमानित महसूस किया।
पांडे ने कहा कि उनके खिलाफ अपमानजनक ट्वीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, जब यूपी में माहौल शांत था तब एसपी का ट्विटर हैंडल लोगों के बीच सांप्रदायिक तनाव और नफरत को हवा दे रहा था। वे राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इस तरह के संदेश पोस्ट कर रहे हैं। उनके इस कृत्य के लिए पुलिस कार्रवाई की जरूरत है, जो उन्हें उनके खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने से रोकेगी।
डीसीपी मध्य क्षेत्र, अपर्णा रजत कौशिक ने कहा कि 153ए, 295, 505 और 66 आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
--आईएएनएस
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