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सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद खलबली मच गई है. चीफ जस्टिस के बाद सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासनिक कार्य ठीक से नहीं हो रहा है.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से तमाम धड़ों से प्रतिक्रिया का दौर शुरू हो गया है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट जजों की ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेन्स के बाद एक ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है- “जज किस ओर इशारा कर रहे हैं ये बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा है. उम्मीद है कि हम जस्टिस लोया की मौत की सच्चाई तक पहुंच सकेंगे”
इस मुद्दे पर बोलते हुए बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा, “ये चारों जज ईमानदार जज हैं, अगर ये चारों कोई बात कह रहे हैं तो वो सुनी जानी चाहिए. और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका संज्ञान लेना चाहिए.”
इस मुद्दे पर बोलते हुए रिटायर्ड जस्टिस आर एस सोढ़ी ने कहा, “मुझे लगता है कि इन चारों जजों को अब वहां बैठने का अधिकार नहीं है. लोकतंत्र खतरे में है तो संसद है, पुलिस प्राशासन है. यह उनका काम नहीं है.
वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम ने इस पूरे मामले पर निराशा जताई. उन्होंने कहा, ''आज न्यायपालिका का काला दिन है. इसके खराब नतीजे होंगे. अब से हर आम आदमी न्यायपालिका के फैसले को संदेह की नजरों से देखेगा. हर फैसले पर सवाल उठाए जाएंगे.''
सुप्रीम कोर्ट के जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा, “इस तरीके को अपनाने के पीछे जजों की बड़ी मजबूरी रही होगी. जब वो बोल रहे थे तब उनके चेहरे पर दर्द स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता था.”
कांग्रेस के नेता और वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि ये सब सुनकर दुख और चिंता होती है.
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