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BCCI की बगावत पर भड़की सुप्रीम कोर्ट, कहा-सिफारिशें माननी ही होंगी

सुप्रीम कोर्ट ने BCCI से सीधे पूछा कि आप लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें मानेंगे या नहीं.

द क्विंट
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई जांच समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड जज आर.एम.लोढ़ा (फाइल फोटोः IANS)
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई जांच समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड जज आर.एम.लोढ़ा (फाइल फोटोः IANS)
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सुप्रीम कोर्ट ने BCCI को कड़े शब्दों में कहा है कि बागी तेवरों से कोई बात बनने वाली नहीं है. BCCI ने राज्य संघों को अनुदान का आवंटन न करने और लोढ़ा समिति के सभी निर्देशों पर अमल करने को लेकर हलफनामा देने से इनकार कर दिया. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि BCCI बागी तेवर न दिखाए. अगर बीसीसीआई ने हलफनामा पेश नहीं किया तो सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई से पैसे लेना राज्य संघों का मौलिक अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कहा, ‘लोगों को आपसे (बीसीसीआई से) पैसा चाहिए , आप कहते हैं कि वे सुधार लाना नहीं चाहते , ऐसी प्रदेश इकाइयों को पैसा देना बंद कर दो.’

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से कहा है कि वह स्टेट एसोसिएशन को फंड जारी न करे, क्योंकि वह लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें फंड मांगने का कोई अधिकार नहीं है.

BCCI पर सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

कोर्ट ने कहा BCCI अंडरटेकिंग दे कि वो लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करवाएगी. ऐसा न होने पर कोर्ट अपना आदेश पारित करेगा.

कोर्ट ने कहा- BCCI को राज्यों को बांटे गए 400 करोड़ के बंटवारे में पारदर्शिता रखनी चाहिए थी.

SC: लोढ़ा पैनल कोई आम पैनल नहीं है, इसे एक पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में बनाया गया है.

BCCI को लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को मानते हुए बोर्ड अध्यक्ष की जगह नया एडमिनिस्ट्रेटर बनाया जाना चाहिए.

SC: या फिर BCCI को लोढ़ा पैनल से सिफारिशों को मानने के लिए और समय की मांग करनी चाहिए.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर कड़ा रुख अपनाते हुए बीसीसीआई से उन्हें मानने के लिए कहा था.

कोर्ट ने मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि बीसीसीआई कानून माने या फिर हम उसे कानून मानना सिखाएंगे.

कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद उम्‍मीद की जा रही थी कि बीसीसीआई एसजीएम(स्पेशल जनरल मीटिंग) में सिफारिशों से संबंधित फैसले ले सकती है. लेकिन एसजीएम में भी लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने से संबंधित कोई फैसला नहीं लिया था.

इसके बाद लोढ़ा कमेटी ने बैंको को बीसीसीआई के फंड से संबंधित चेतावनी भरा पत्र लिखा था. पत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को न मानने के कारण बीसीसीआई के ट्रांजेक्शन को मना करने की अपील की थी जिसके बाद बीसीसीआई ने भारत न्यूजीलैंड सीरीज रद्द करने की धमकी दी थी.

क्या हैं लोढ़ा कमेटी की प्रमुख सिफारिशें

1. एक राज्य, एक वोट: पैनल के इस सुझाव के मुताबिक, एक राज्य का एक ही वोट मान्य होगा.

2. बीसीसीआई में कोई मंत्री, राजनीतिक व्यक्ति नहीं: बीसीसीआई से राजनीतिक हस्तक्षेप को खत्म करने कि लिए लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई से मंत्रियों की छुट्टी करने की सिफारिश की थी.

3. अधिकतम तीन कार्यकाल: लोढ़ा पैनल के अनुसार, किसी भी पदाधिकारी को अधिकतम तीन कार्यकाल की अनुमति होनी चाहिए.

4. अधिकतम उम्र 70 साल: पैनल ने किसी भी पदाधिकारी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 70 साल करने का सुझाव भी दिया था.

5. आईपीएल और बीसीसीआई के लिए अलग-अलग गवर्निंग बॉडी के साथ-साथ सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने के लिए.

इसके अलावा लोढ़ा कमेटी ने सिफारिशें लागू करवाने के लिए अध्यक्ष और सचिव को इस्तीफा देकर उनकी जगह एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करने की सलाह भी दी थी.

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Published: 06 Oct 2016,03:16 PM IST

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