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दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली के सभी स्कूलों को रविवार तक बंद रखने की घोषणा की.
सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, "दिल्ली में हवा का स्तर खराब हो गया है. इस स्थिति में, बच्चों के स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता."
राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में बुधवार सुबह भी स्मॉग छाया रहा. इसकी वजह से लोगों का सफर करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले 'डीएनडी' विजिबिलिटी न के बराबर रही. दिल्ली में कई जगहों पर एयर क्वालिटी 'बहुत खराब' दर्ज की गई.
अगर अाने वाले दिनों में हवा तेज नहीं चली तो ये स्थिति बनी रह सकती है, क्योंकि हवा की रफ्तार काफी कम होने से स्मॉग ठहर गया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्मॉग को देखते दिल्ली के स्कूलों को बंद करने के लिए डिप्टी सीएम से स्कूल बंद करने पर विचार करने को कहा था, जिसके बाद बुधवार को प्राइमरी स्कूल बंद करने के आदेश दिए गए.
इस स्मॉग की वजह से स्कूल जाने वाले बच्चे आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायत कर रहे हैं. इसलिए कई बच्चे मास्क लगाकर स्कूल जा रहे हैं.
इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसियेशन (IMA) ने कुछ दिनों तक स्कूल बंद करने और दिल्ली में 19 नवंबर को होने जा रही हाफ मैराथॉन को भी कैंसिल करने के आदेश दिए थे.
वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कहा कि दिल्ली में इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं. इसके तहत एनजीटी ने दिल्ली ही नहीं यूपी, हरियाणा और पंजाब से वायु प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए कदमों की रिपोर्ट 9 नवंबर तक मांगी है.
तस्वीरों में देखिए स्मॉग से कैसे हैं दिल्ली-एनसीआर के हालात.
स्मॉग की वजह से यातायात प्रभावित हुआ है. सड़कों पर तो विजिबिलिटी काफी कम है ही, साथ ही कई ट्रेनें भी लेट हुई हैं और कुछ के रूट बदले गए हैं.
सर्दी के मौसम में प्रदूषण की समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो से किराए कम करने को कहा है. कोर्ट की नियुक्त समिति ने ये भी कहा है कि अगले दो दिनों में दिल्ली मेट्रो के फेरे बढ़ाए जाएं और गाड़ियों के पार्किंग शुल्क को चौगुना कर दिया जाए.
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स्मॉग की वजह से न सिर्फ मरीजों को बल्कि स्वस्थ लोगों को भी परेशानी हो सकती है. इसलिए इस दौरान सुबह और शाम को जॉगिंग या बाहर जाकर वॉक करने से बचना चाहिए.
स्मॉग के दौरान धूल के कण और रसायनिक गैसें कोहरे के कारण हवा में ऊपर नहीं उठ पाती और हमारे शरीर में चली जाती हैं.
स्मॉग में अस्थमा के मरीज अपने साथ इन्हेलर जरूर रखें, क्योंकि कोहरे के रूप में जहरीली गैसें हवा में मौजूद रहती हैं.
स्मॉग असल में पानी के कणों और धुंए में उपस्थित कार्बन के कणों के मिश्रित होने से बनता है और ये सर्दी के मौसम में ज्यादा होता है, क्योंकि उस समय कोहरे में पानी के कण हवा में होते हैं और कार्बन के कण उनमे मिश्रित हो जाते हैं. जिसकी वजह से विजीबिलिटी और भी कम हो जाती है.
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