advertisement
दरअसल ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ने पाकिस्तान के प्रोपोगेंडा के तहत एक ट्वीट करते हुए जम्मू कश्मीर को 75 साल से भारत द्वारा गलत तरीके से अधिकृत किया हुआ कश्मीर बताया था। इसके जवाब में शाह फैसल ने पलटवार किया और लिखा कि ये 75 साल नहीं बल्कि 5000 साल के सभ्यतागत रिश्ते हैं, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा पोषित हैं और हमें वह बनाते हैं जो हम हैं। 27 अक्टूबर 1947 इस रिश्ते की सिर्फ एक संवैधानिक पुष्टि थी।
शाह फैसल ने आगे कहा कि ओआईसी को अपने भीतर की गड़बड़ी को देखना चाहिए और हमें अकेला छोड़ देना चाहिए।
गौरतलब है कि एक 2 दिन पहले भी शाह फैसल ने ऋषि सुनक को लेकर पाकिस्तान पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सुनक की नियुक्ति पाकिस्तान के लिए एक आश्चर्य की बात हो सकती है, जहां अल्पसंख्यक, सरकार में शीर्ष पदों पर नहीं रह सकते।
उन्होंने यह भी कहा था कि यह केवल भारत में ही संभव है कि कश्मीर का एक मुस्लिम युवा भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष पर जा सकता है, सरकार के शीर्ष पदों पर पहुंच सकता है, फिर सरकार से अलग हो सकता है और फिर भी उसी सरकार द्वारा बचाया और वापस ले लिया जा सकता है।
शाह फैसल जम्मू-कश्मीर कैडर के 2009 के आईएएस टॉपर रहे हैं। जिन्होंने 2019 में सेवाओं से इस्तीफा दे दिया था और अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई थी। वहीं 2022 में शाह फैसल को केंद्र सरकार ने बहाल करते हुए उप सचिव के रूप में तैनात किया है।
--आईएएनएस
एसपीटी/एएनएम
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)