advertisement
मध्यप्रदेश और जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद चलाये गए बुलडोजर पर सियासत अपने चरम पर है। इसी बीच कांग्रेस वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि, सरकार की जिम्मेदारी चीजें बनाने के लिए हैं ना की तोड़ने के लिए। यह मेक इन इंडिया कहने वाली सरकार, ब्रेक इन इंडिया कर रहे हैं और किस तरह कर रहे यह भी सोचना चाहिए जो की बिल्कुल गलत है, साथ ही देश की स्वतंत्रता को बर्बाद कर रहे हैं।
मुझे लगता है यह बिल्कुल गैरकानूनी और असंवैधानिक सरकार ने काम किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद भी घंटों तक तोड़फोड़ होती रही। लोगों का घर तोड़ना, दुकान उजाड़ देना, कोई एक प्रक्रिया होनी चाहिए।
दिल्ली ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश, यूपी में इस कार्रवाई के दौरान गलतियां भी हुई है। एक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घर को तोड़ा गया, दिल्ली जहांगीरपुरी में डीडीए वाला दुकान तोड़ दिया गया, इन्होंने दिमाग तक का इस्तेमाल नहीं किया। हालांकि शशि थरूर को राजस्थान सरकार के अलवर जिले में 300 साल पुराना शिव मंदिर तोड़े जाने पर पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि, मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है।
दरअसल भारत की राजनीति में बुलडोजर को नई पहचान दिलाने का श्रेय उत्तरप्रदेश सरकार से शुरू हुआ और अब भारत में बहस बुलडोजर के राजनीतिक इस्तेमाल पर होने लगी है।
यूपी के बाद मध्य प्रदेश में खरगोन जि़ले में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा, उसके बाद हिंसा में कथित तौर पर शामिल लोगों के घरों और दुकानों पर राज्य सरकार ने बुलडोजर चलवाने का फैसला किया।
इसके बाद जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद भी इसी फॉर्मूले को अपनाया गया और इलाके में हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर चला। लेकिन इस कार्रवाई पर सभी पार्टियां कई सवाल खड़े कर रहीं है और इसे गैर सविंधानिक भी बता रही है।
--आईएएनएस
एमएसके/एचके
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)