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जस्टिस नागेश्वर राव की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि आरोपी इंद्राणी पिछले छह साल से अधिक समय से जेल में बंद है और उस पर चल रहे मामले की सुनवाई निकट भविष्य में खत्म नहीं होने वाली है।
खंडपीठ ने कहा कि इंद्राणी पर परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर आरोप लगाया गया है और अगर अभियोजन पक्ष 50 प्रतिशत गवाहों को छोड़ भी दे, तो भी सुनवाई जल्द खत्म नहीं होगी।
इंद्राणी के वकील मुकुल रोहतगी ने इस बात की दलील थी कि उनकी मुवक्किल 2015 में हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद से जेल में बंद है और जिस तरह से मामले की सुनवाई आगे बढ़ रही है, उससे लगता है कि अगले दस साल तक सुनवाई पूरी नहीं होगी।
इस पर खंडपीठ ने पूछा कि इस मामले में कितने गवाह हैं। रोहतगी ने बताया कि 185 गवाहों से अभी पूछताछ होनी बाकी है। उन्होंने यह भी बताया कि डेढ़ साल के दौरान एक भी गवाह से पूछताछ नहीं हुई है। वकील ने कहा कि इंद्राणी के पति जमानत पर बाहर हैं और इंद्राणी की हालत ठीक नहीं है।
इंद्राणी मुखर्जी ने दिसंबर 2021 में सीबीआई को खत लिखकर यह दावा किया था कि उसकी बेटी शीना बोरा जिंदा है। इंद्राणी ने कहा था कि वह साथी कैदी का बयान दर्ज करवाने के लिए विशेष अदालत में जाएगी। इंद्राणी के मुताबिक उस कैदी ने दावा किया था कि वह शीना बोरा से कश्मीर में मिली है।
गौरतलब है कि अप्रैल 2012 में शीना बोरा के अपहरण और हत्या का मामला दर्ज किया गया था। साल 2015 में इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।
सीबीआई ने इस मामले में इंद्राणी और उसके पति पीटर मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। पीटर को मार्च 2020 में जमानत मिल गई थी।
इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका कई बार खारिज की गई थी। गत नवंबर में मुम्बई हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
--आईएएनएस
एकेएस/एसकेके
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