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नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि डी. के. शिवकुमार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जड़ें काफी गहरी हैं। ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश कुमार कुहर को बताया, "जमानत के लिए दलील दी गई है कि समाज में उनकी जड़ें गहरी हैं, लेकिन मैं कहूंगा कि इस मामले की जड़ें काफी गहरी हैं।"
अदालत में कर्नाटक के कांग्रेस नेता शिवकुमार की ओर से दायर जमानत याचिका पर बहस हो रही थी।
इस दौरान एजेंसी ने यह भी कहा कि शिवकुमार ने इस मामले में सहयोग नहीं किया और उन्होंने बुनियादी सवालों के जवाब भी नहीं दिए।
ईडी ने अदालत को बताया, "एक प्रभावशाली और शक्तिशाली व्यक्ति होने के कारण उनकी ओर से जांच में बाधा डालने की पूरी संभावना है।"
नटराजन ने कहा, "इस मामले में जमानत देना उपयुक्त नहीं है। यह एक ऐसा मामला है, जिसमें अभियुक्त ने बिना स्रोत के बड़ी संपत्ति हासिल की है। यह व्यक्ति स्रोत का खुलासा नहीं कर रहा है। जब नींव ढह जाती है तो इमारत गिरती ही है।"
अभियोजन पक्ष के दावों का विरोध करते हुए शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "यह कैसे संभव है कि आपने आईटी अधिनियम का आरोप लगाया है, जोकि एक नियत अपराध भी नहीं है। क्या वह जमानत के हकदार नहीं हैं? इस मामले में अपराध सिद्ध नहीं हुआ है।"
सिंघवी ने सवालिया लहजे में कहा, "महज 20 सक्रिय खाते हैं। फिर 317 खातों का आंकड़ा कहां से आया?"
उन्होंने कहा, "मुझे 21वां खाता दिखाओ तो मैं चुप होकर बैठ जाऊंगा।"
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