advertisement
राज्य में कोरोना संक्रमण के दौरान सामने आई गड़बड़ियों और अन्य कारणों से सत्ता में बड़े बदलाव की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था और यही कारण था कि नेताओं का मेल मिलाप भी तेज हो गया था। कई नेता सपने भी संजोने लगे थे। साथ ही यह भी कहा जाने लगा था कि आगामी समय में होने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के जरिए राज्य की सियासत में संभावित बदलाव को अमली जामा पहनाया जाएगा।
पिछले कुछ दिनों से चल रही चर्चाओं के बीच हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में तस्वीर पर गहराए कुहासे को ही खत्म कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुले तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सराहना की, वहीं संगठन के मुखिया विष्णु दत्त शर्मा तथा पूरे संगठन की पीठ थपथपाई।
इतना ही नहीं जो कार्यसमिति से बातें छनकर बाहर आई हैं वे यह संकेत दे रहे हैं कि राज्य में आगामी समय में किसी तरह का बदलाव नहीं होने वाला। प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने भी साफ तौर पर यही कहा कि सोशल मीडिया पर जो चर्चाएं चलती हैं वह सच नहीं होती।
वहीं देखें तो इस कार्य समिति से एक बात और सामने आई है कि अब सत्ता पर नजर रखने का काम संगठन पर रहने वाला है। इसके लिए संगठन के स्तर पर कई समितियां भी बनाई जा रही हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि, यह बात सही है कि भाजपा में पिछले कुछ दिनों से उथल-पुथल चल रही थी और लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे थे, मगर कार्यसमिति की बैठक में तस्वीर साफ कर दी है। हां इतना तय है कि राज्य में नेताओं की मनमर्जी पर तो रोक लगेगी ही, साथ ही वे ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं हो पाएंगे, जिससे सरकार और संगठन को किसी तरह का नुकसान हो। साथ ही ऐसे लोगों पर नजर भी रखी जाएगी।
--आईएएनएस
एसएनपी/एएनएम
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)