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इमरान खान ने नए सेना प्रमुख पर हमला करना शुरू कर दिया है, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने इमरान खान द्वारा बैठक के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है।
जियो न्यूज ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने वास्तव में सेना प्रमुख को एक संदेश भेजा था, लेकिन अनुरोध ठुकरा दिया गया।
जनरल आसिम ने उनसे मुलाकात करने वाले कारोबारियों को बताया कि पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने उन्हें एक संदेश भेजा था, जिसमें मुलाकात के लिए कहा गया था।
जियो न्यूज ने बताया कि जनरल असीम ने पीटीआई प्रमुख को बताया कि सेना प्रमुख के तौर पर उनका काम राजनेताओं से मिलना नहीं है।
सूत्रों ने कहा, जनरल असीम ने जोर देकर कहा कि सेना न तो राजनीति में हस्तक्षेप करेगी और न ही इसमें कोई भूमिका निभाएगी। सेना प्रमुख ने कहा कि वह राजनीतिक मामलों में दखल नहीं देंगे और राजनीतिक नेतृत्व को ही अपने मुद्दों को सुलझाना चाहिए।
वरिष्ठ एंकर हामिद मीर ने कहा कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने जनरल असीम और इमरान खान के बीच एक बैठक की व्यवस्था करने की कोशिश की थी। मीर ने कहा कि सेना प्रमुख ने राष्ट्रपति से कहा कि वह राजनीति से दूर रहना चाहते हैं।
जियो न्यूज ने बताया कि पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने व्यापार समुदाय के नेताओं की कड़ी आलोचना की, जिन्होंने बिगड़ती आर्थिक स्थिति पर अपनी चिंताओं को साझा करने के लिए सेना प्रमुख से मुलाकात की।
सीओएएस को बुलाने वाले व्यापारिक समुदाय के सदस्य वही हैं जो हर सेना प्रमुख और सरकार से मिलते हैं और सलाह देते हैं कि पाकिस्तान की समस्याओं को कैसे ठीक किया जाए। उनकी एकमात्र चिंता अपने व्यावसायिक हितों को सुरक्षित करना है।
द न्यूज ने बताया, इमरान खान का कहना है कि उन्होंने सोचा था कि नए (सेना) प्रमुख के आने के बाद बदलाव होगा, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई है, बल्कि देश में मुश्किलें बढ़ गई हैं।
बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार में, खान ने टिप्पणी की कि एक बयान दिया जा रहा है कि अगर वह सेना प्रमुख से बात करना चाहते हैं तो उन्हें प्रतिष्ठान की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी को देश की जनता सपोर्ट करती है, उसे बैसाखियों की जरूरत नहीं होती है।
--आईएएनएस
सीबीटी
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