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नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)| पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) की हिरासत में 400 से अधिक सवालों के जवाब दिए।
एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार हुए चिदंबरम से मामले से जुड़े चार से पांच गवाहों के समक्ष बैठाकर पूछताछ की गई।
उन पर कथित तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान एफआईपीबी (फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड) के जरिए कुछ मामलों में मंजूरी दिलाने के आरोप लगे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गुरुवार को चिदंबरम को 14 दिनों की न्यायीक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है। वह वर्तमान में आर्थिक अपराधियों को रखे जाने वाली तिहाड़ की जेल नंबर-7 में बंद है।
आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच से जुड़े एक सीबीआई के सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "मामले में चार से पांच गवाहों और आरोपियों के साथ चिदंबरम का सामना किया गया था।"
हालांकि, सूत्र ने नामों को साझा करने से इनकार कर दिया, क्योंकि इससे मामले की जांच प्रभावित हो सकती है।
सूत्र ने यह भी कहा कि सीबीआई की हिरासत में 21 अगस्त से रहे चिदंबरम ने 400 से अधिक सवालों के जवाब दिए।
सूत्र ने बताया कि चिदंबरम से पूछे गए अधिकांश सवाल उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के शतरंज प्रबंधन प्राइवेट लिमिटेड और एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल) से जुड़े संबंधों को लेकर थे।
इसके अलवा आईएनएक्स मीडिया की सह-संस्थापक इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी के साथ उनके व्यवहार को लेकर भी चिदंबरम से सवाल पूछे गए।
सूत्र ने बताया कि वित्तमंत्री रहते हुए अपने कार्यकाल में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) के माध्यम से आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को विदेशों से 305 करोड़ रुपये के फंड को अप्रुवल दिलाने को लेकर पूछ गए सवालों के जवाब में ऐसे कई अवसर आए, जब चिदंबरम ने इस से जुड़े सवालों के जवाब देने के लिए घंटों समय लिया और समय निकालने की कोशिश की।
पिछले साल इंद्राणी मुखर्जी ने सीबीआई को दिए अपने बयान में आरोप लगाया था कि कार्ति चिदंबरम ने 2007 में एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने के बदले आईएनएक्स मीडिया से 3.5 करोड़ रुपये लिए थे।
उसने यह भी आरोप लगया था कि कार्ति चिदंबरम ने नई दिल्ली के एक होटल में उससे मुलाकात की और कथित तौर पर एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने के बदले 1 मिलियन डॉलर (6.5 करोड़) रुपये की मांग की थी।
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