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नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार को कहा कि उपभोक्ताओं के अधिकारों, अनुचित व्यापारिक व्यवहारों, भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मुद्दों के निपटारे के लिए अगले दो महीने में केंद्रीय उपभोक्ता सरंक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का गठन किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री यहां उद्योग-जगत के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए अनेक उपाय किए गए हैं और मौजूदा नियमों को सुदृढ़ बनाते एक केंद्रीय विनियामक की स्थापना का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा, "केंद्रीय उपभोक्ता सरंक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) उपभोक्ताओं के अधिकारों, अनुचित व्यापारिक व्यवहारों और भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मुद्दों को निपटान करेगा और नकली व मिलावटी उत्पाद बेचने वालों पर जुर्माना भी लगाएगा।"
उन्होंने कहा कि सीसीपीए के तत्वावधान में एक जांच विंग का गठन किए जाने की परिकल्पना भी की गई है जो उपभोक्ताओं के अधिकारों, अनुचित व्यापारिक व्यवहारों और भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मुद्दों की जांच करेगा।
ई-कॉमर्स और प्रत्यक्ष बिक्री को विनियमित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए पासवान ने कहा कि वर्तमान में इन सेक्टरों के लिए कोई विनियामक निकाय नहीं है, जबकि ऑनलाइन खरीददारों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लिहाजा इसके विनियमन की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता अधिनियम 2019 के तहत उपभोक्ताओं से जुड़े मामलों के त्वरित निपटारे के लिए मध्यस्थता का प्रावधान है जिसका उपयोग व्यापक रूप से किया जाना चाहिए ताकि मुकदमों में समय जाया न करे और ऐसे मुकदमों की अपीलों की संख्या पर रोक लग सके।
इससे पहले भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई),भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) जैसे उद्योग संगठनों के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों की कई प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक में हिस्सा लिया।
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