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संसद में अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति को करना पड़ा विरोध का सामना

संसद में अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति को करना पड़ा विरोध का सामना

IANS
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संसद में अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति को करना पड़ा विरोध का सामना
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संसद में अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति को करना पड़ा विरोध का सामना
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नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को बजट सत्र से पहले संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान एक समय ऐसा भी रहा जब उन्हें अपने अभिभाषण के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा। राष्ट्रपति संसद के संयुक्त सत्र में नागरिकता संशोधन कानून पर मोदी सरकार की पीठ थपथपा रहे थे। उसी समय कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया। वह नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

बजट सत्र से पहले संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नागरिकता कानून को मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, "इस तरह से महात्मा गांधी के सपनों को पूरा किया गया है। भारत ने हमेशा सर्वपंथ विचारधारा में यकीन किया है, लेकिन भारत विभाजन के समय भारतवासियों और उनके विश्वास पर प्रहार किया गया। विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वो भारत आ सकते हैं।"

राष्ट्रपति के इतना बोलते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने मेज थपथपाना शुरू कर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मेज थपथपाते नजर आए। काफी देर तक राजग के सहयोगी दलों ने मेज थपथपाकर राष्ट्रपति की बातों का समर्थन किया। तकरीबन 30 सेकेंड तक ऐसा ही चलता रहा। फिर राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण शुरू किया और तालियां बजती रही।

राष्ट्रपति ने आगे कहा, "इन लोगों को सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है। पूज्य बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने इसे आगे बढ़ाया। हमारे राष्ट्र निर्माताओं के उस इच्छा का सम्मान करना हमारा दायित्व है। मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता कानून बनकर महापुरुषों की इच्छा को सम्मान दिया गया।"

इस पर एक बार फिर से संसद के केंद्रीय कक्ष में सांसदों ने मेज थपथपाना शुरू कर दिया। तकरीबन 40-50 सेकेंड तक सिर्फ मेज थपथपाने की अवाजें आती रहीं। उसके बाद राष्ट्रपति ने एक बार फिर से बोलना शुरू किया।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "विशेषकर ऐसे समय में जब देश में महात्मा गांधी की जयंती का पर्व मना रहा हो.."

राष्ट्रपति के इतना कहते ही पीछे से कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता ने विरोध करना शुरू कर दिया, और उन्होंने नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

लेकिन राष्ट्रपति रुके नहीं, उन्होंने कहा, "विशेषकर जब देश में महात्मा गांधी की जयंती का पर्व मनाया जा रहा हो उसी समय में सांसदों द्वारा इसे (नागरिकता संसोधन विधेयक) पास करवाना बेहद खास है। मैं संसद के दोनों सदनों का और सभी सांसदों का अभिनंदन करता हूं।"

लेकिन इस दौरान विपक्षी दलों के सांसद लगातार हंगामा करते रहे।

राष्ट्रपति ने उनके विरोध को पूरी तरह अनदेखा करते हुए अपना भाषण जारी रखा। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के लोगों पर हो रहे उत्पीड़न का मामला उठाया।

उन्होंने कहा, "हाल ही में ननकाना साहिब में जो कुछ हुआ उसे सभी ने देखा है। हम सभी का यह भी दायित्व है कि पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार से पूरा विश्व परिचित हो। मैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करता हूं और विश्व समुदाय से इसे संज्ञान में लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करता हूं।"

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