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पंजाब (Punjab) के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amrindar Singh) ने किसी भी गंभीर सुरक्षा मुद्दे को बार-बार नकारने के लिए राज्य सरकार की आलोचना करते हुए बुधवार को कहा कि सीमाओं पर कुछ गलत और खतरनाक हो रहा है, जिसे राज्य नजरअंदाज नहीं कर सकता.
उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) राज्य के प्रशासन को अपने हाथ में ले लेगा या इसे स्वर्ण मंदिर में तैनात किया जाएगा.
अमरिंदर ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा विधानसभा चुनावों में फायदा उठाने के लिए इस तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं.
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में राज्य द्वारा केंद्र को पूर्ण समर्थन देने का आह्वान किया.
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह कोई भय उत्पन्न नहीं कर रहे हैं, लेकिन भारतीय सेना और राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में मिले अनुभव से उन्हें लग रहा है कि कुछ होने वाला है.
सिंह ने आगे कहा, पाक आईएसआई और खालिस्तानी बलों के स्लीपर सेल परेशानी पैदा कर रहे हैं. ड्रोन की क्षमता और रेंज बढ़ रही है, पहले वे सीमा से सिर्फ 5-6 किमी तक आए, अब वे 31 किमी तक पहुंच गए हैं. हमें सीमा पार से गुप्त युद्ध से बहुत सावधान रहना होगा.
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इस तरह के खतरों से निपटने के लिए हर जिम्मेदार सरकार का कर्तव्य है. उन्होंने उन लोगों का मुकाबला करने पर जोर दिया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा पर उनकी चिंताओं का मजाक उड़ाते हैं. राज्य सरकार को लोगों के सामने तथ्य रखना चाहिए और खतरे से इनकार करने के बजाय जानकारी हासिल करने में उनकी मदद लेनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि खतरे का मुकाबला करने के लिए इसे खुद आगे आना चाहिए और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए. इस मुद्दे पर हुई सर्वदलीय बैठक में भी ऐसा लगता है कि राजनीतिक दलों को ठीक से जानकारी नहीं दी गई थी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पुलिस एक प्रथम श्रेणी और अच्छी तरह से प्रशिक्षित बल है. हालांकि, उन्हें इस तरह के खतरों से निपटने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया है. उन्हें समस्या से निपटने के लिए बीएसएफ और सीआरपीएफ की मदद की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के दिनों में भी सेना मदद कर रही थी और राज्य सरकार के कार्य में किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया. पंजाब में शांति बनाए रखने के लिए बीएसएफ की मदद जरूरी है.
अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य मुश्किल दौर से गुजरा है और कोई नहीं चाहता कि इसे फिर से वही सब झेलना पड़े.
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