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नई दिल्ली, 5 अप्रैल (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को फार्मास्यूटिकल कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों- मालविंदर मोहन सिंह व उनके भाई शिविंदर मोहन सिंह को जापानी कंपनी दाइची सैंक्यो को बकाया राशि के भुगतान के आदेश का पालन न करने पर जेल भेजने की चेतावनी दी।
शीर्ष अदालत ने कहा, "आप ने हमारे आदेशों का उल्लंघन क्यों किया। हम आपको जेल भेज देंगे।"
अदालत दाइची सैंक्यो द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सिंगापुर के एक न्यायाधिकरण द्वारा रैनबैक्सी बंधुओं के खिलाफ मध्यस्थता में उसे प्रदान की गई 3,500 करोड़ रुपये की वसूली करने की मांग की गई है।
रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों के दावों को खारिज करते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बचाव पक्ष के वकील से कहा, "आप आधी दुनिया के मालिक हो सकते हैं, लेकिन कोई ठोस योजना नहीं है कि मध्यस्थता की राशि कैसे दी जाएगी।"
उन्होंने कहा, "आप ने कहा कि किसी के पास आपके 6,000 करोड़ रुपये बकाया है। लेकिन यह राशि न तो यहां, न तो वहां है।"
इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता व संजीव खन्ना भी शामिल हैं। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को तय कर दी।
दाइची सैंक्यो ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीदा था। बाद में दाइची सैंक्यो ने सिंगापुर मध्यस्थता न्यायाधिकरण में शिकायत की थी कि सिंह बंधुओं ने रैनबैक्सी के खिलाफ अमेरिका के खाद्य एवं औषधि विभाग की चल रही जांच की बात छुपाई थी।
(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)
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