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दिल्ली (Delhi) में सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ रविवार, 11 जून को आम आदमी पार्टी (AAP) की महारैली आयोजित हुई. रामलीला मैदान में आयोजित इस रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann), कपिल सिब्बल सहित AAP के कई नेता शामिल हुए. इस रैली में बुजुर्गों, महिलाओं सहित हजारों की संख्या में लोग भी जुटे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने AAP की अध्यादेश विरोधी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, "आज से 12 साल पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ इसी रामलीला मैदान में इकट्ठे हुए थे. आज इसी मंच से एक अहंकारी तानाशाह को इस देश से हटाने के लिए फिर से मंच पर इकट्ठे हुए हैं."
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने AAP की रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी का मतलब भारतीय जुगाड़ पार्टी है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि देश की जनता अब केंद्र सरकार को पसंद नहीं करती. जनता अब तानाशाही के खिलाफ उठ खड़ी हुई है. विपक्षी दलों को केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है.
आम आदमी पार्टी (AAP) की अध्यादेश विरोधी रैली के लिए रामलीला मैदान में जुटे लोग.
द क्विंट से बातचीत में 66 वर्षीय मानसिंह सिसोदिया ने कहा कि "केंद्र के अध्यादेश का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार को दी गई शक्तियों को छीनना है. यह असंवैधानिक है और इसका विरोध होना चाहिए. मैं इतनी गर्मी में बुराड़ी से यहां आया हूं क्योंकि अरविंद (केजरीवाल) जी को हमारे समर्थन की जरूरत है."
द क्विंट से बातचीत में झिलमिल से आए 82 वर्षीय नजीर उल हक ने कहा कि, "अरविंद केजरीवाल हमारे नेता हैं. मैं यहां बीजेपी के खिलाफ उनकी लड़ाई में उनका समर्थन करने के लिए आया हूं. वह आम आदमी के नेता हैं."
अध्यादेश विरोधी रैली में महिलाएं भी शामिल हुईं. महिलाएं बैनर-पोस्टर लेकर रामलीला मैदान पहुंची थीं.
झारोदा वार्ड से AAP पार्षद गगन चौधरी ने द क्विंट से बातचीत में कहा कि, "केंद्र के अध्यादेश का केवल एक उद्देश्य है- दिल्ली के विकास में बाधा उत्पन्न करना. जनता भी इस बात को समझ चुकी है और इसलिए आज तानाशाही अध्यादेश का विरोध करने के लिए निकली है."
आम आदमी पार्टी की रैली में बड़ी संख्या में लोग जुटे.
रामलीला मैदान में भीड़ को नियंत्रित करते हुए सुरक्षाकर्मी.
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