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उत्पल पर्रिकर के बाद BJP के लक्ष्मीकांत पारसेकर ने भी छोड़ी पार्टी, कितना असर?

लक्ष्मीकांत पारसेकर साल 2014 से लेकर 2017 तक गोवा के मुख्यमंत्री रहे

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उत्पल पर्रिकर, लक्ष्मीकांत पारसेकर ने छोड़ी पार्टी

फोटो- क्विंट

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गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Elections 2022) से पहले बीजेपी (BJP) को दो नेताओं ने झटका दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत पारसेकर (Laxmikant Pareskar) ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. हालांकि वो किसी पार्टी को जॉइन नहीं करेंगे, उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.

पारसेकर को बीजेपी की तरफ से टिकट ना मिलने के बाद उन्होंने ये घोषणा की. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर (Utpal Parrikar) ने भी बीजेपी छोड़ कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.

65 साल के पारसेकर ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि वो शाम तक अपना इस्तीफा सौंप देंगे. लक्ष्मीकांत पारसेकर गोवा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी मैनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष हैं. साथ ही साथ वो पार्टी की कोर कमेटी के भी सदस्य हैं.

साल 2002 से लेकर 2017 तक उन्होंने मंडरेम विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है. बीजेपी ने इस बार इस सीट से मौजूदा विधायक दयानंद सोपते को टिकट दिया है.

लक्ष्मीकांत पारसेकर साल 2014 से लेकर 2017 तक गोवा के मुख्यमंत्री रहे. जब मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री के तौर पर केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली थी उस समय पारसेकर को यह मौका मिला था.

उत्पल पर्रिकर ने क्यों छोड़ी बीजेपी?

उत्पल पर्रिकर अपने पिता की सीट पणजी से टिकट मांग रहे थे. उत्पल ने आरोप लगाया कि पार्टी ने उनकी जगह दो साल पहले कांग्रेस से आए व्यक्ति को टिकट दिया है, जबकि वो अपने पिता के साथ बहुत पहले से पणजी के लोगों के लिए काम कर रहे हैं.

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मंडरेम विधानसभा चुनाव में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर तीन दशकों से अधिक समय तक गोवा में भगवा खेमे के कट्टर रहे हैं. साल 2002, 2007 और 2012 के चुनावों में लगातार बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की है.

लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में दयानंद सोपते ने उन्हें 7 हजार वोट के मार्जिन से मात दी थी. इस चुनाव में सोपते बीजेपी में शामिल हुए हैं और पारसेकर की जगह इन्हें ही टिकट मिला है.

वहीं उत्पल पर्रिकर को लेकर एक्सपर्ट का मानना है चूंकी चुनाव प्रचार के लिए बेहद कम समय बचा है इसलिए उत्पल के जीतने की संभावना काफी कम है.

बता दें कि गोवा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 14 फरवरी को होगा और नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे. गोवा में पिछले बार का विधानसभा चुनाव (2017) भी एक ही चरण में हुआ था. इसमें कांग्रेस ने 40 विधानसभा क्षेत्रों में से 17 पर जीत हासिल की, जबकि बीजेपी ने 13 पर जीत हासिल की.

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