advertisement
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोरोना की दूसरी लहर से बीते कुछ दिनों में 20 फैकल्टी मेंबर्स की मौत हो गई है. शनिवार को लॉ फैक्लटी के डीन प्रोफेसर शकील समदानी का निधन हो गया. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोरोना से हुई इन मौतों पर अफसोस जाहिर किया है.
क्विंट हिंदी से बात करते हुए AMU के प्रवक्ता शाफई किदवाई ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से यूनिवर्सिटी ने अपने 20 फैकल्टी मेंबर्स को खो दिया है, जिसका AMU को बेहद अफसोस है. हालांकि AMU प्रशासन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ उनकी टीम पूरी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, फैकल्टी के कुछ सदस्यों समेत 16 कर्मचारियों का इलाज कोविड वार्ड में जारी है. इनमें से कुछ लोगों की हालात गंभीर बताई जा रही है.
इससे पहले 5 मई को संस्कृत के स्कॉलर और संस्कृत डिपार्टमेंट के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर खालिद बिन युसूफ का भी कोरोना की वजह से निधन हो गया था. वे पहले मुस्लिम स्कॉलर थे जिन्होंने ऋग्वेद में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की थी.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोरोना से होने वाली मौतों में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक मंसूर के भाई उमर फारूक का नाम भी शामिल है. 75 वर्षीय उमर फारूक, मेंबर ऑफ यूनिवर्सिटी कोर्ट और मोमडन एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व सदस्य का भी कोविड महामारी की वजह से निधन हो गया.
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने प्रोफेसर्स और फैक्लटी मेंबर्स के निधन पर दुख जताते हुए इसे AMU के लिए अपूरणीय क्षति बताई और कहा कि उनकी कमी को पूरा बहुत मुश्किल होगा.
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में फैकल्टी मेंबर्स और अन्य स्टाफ को मिलाकर करीब 40 लोगों की कोरोना से मौत हो गई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)