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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने 10 नवंबर को कांग्रेस नेताओं से दिल्ली में मुलाकात की. करीब तीन घंटे चली इस बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी विणुगोपाल और राजस्थान प्रभारी अजय माकन शामिल हुए. राजस्थान के सियासी मसले को सुलझाने के लिए 25 दिन में दूसरी बार सीएम अशोक गहलोत दिल्ली पहुंचे.
कहा जा रहा है कि इस मुलाकात में कैबिनेट में सचिन पायलट के वफादारों को शामिल करने के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे पर चर्चा हुई. NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि फेरबदल तुरंत हो और पायलट के वफादारों को शामिल किया जाए.
बैठक के बाद अजय माकन ने कहा कि राजस्थान में 2023 में सरकार फिर से बनाने समेत हर मुद्दे पर बातचीत हुई. इसका रोडमैप तैयार किया गया. कैबिनेट विस्तार, राजनीतिक नियुक्ति पर सीधा जवाब देने की बजाय कहा कि ये कभी भी हो सकता है.
कैबिनेट में पायलट के वफादारों को शामिल करना पिछले साल प्रियंका गांधी द्वारा तैयार किए गए फॉर्मूले के हिस्से के रूप में देखा गया था. एक महीने तक चले इस सियासी संकट ने अशोक गहलोत सरकार को गिरने की कगार पर ला दिया था.
हालांकि, राजस्थान में जिस तरह के उपचुनाव के नतीजे आए हैं उसको देखते हुए राज्य में कैबिनेट विस्तार में कुछ और समय तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राहत मिल गई है. इसके साथ ही गुटबाजी झेल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राज्य में दो सीटें जीतने का हौसला मिला और कैबिनेट विस्तार के लिए विरोधी गुट द्वारा उन पर जो दबाव बनाया जा रहा था वो भी कुछ कम हो गया है.
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 16 अक्टूबर को दिल्ली दौरे आये थे. उस दौरे उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हुई थी. हालांकि, सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में हिस्सा लिया था. उस समय राहुल गांधी के आवास पर हुई बैठक में गहलोत के प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के साथ चर्चा की थी.
सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान कैबिनेट विस्तार में 9 नए चेहरों को शामिल किया जाएगा. इसमें पायलट खेमे के 4 चेहरे कैबिनेट में शामिल होंगे.
(इनपुट्स- IANS)
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