Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019"मैं लड़ने पर आया तो एक ही बचेगा",गहलोत के मंत्री ने सचिन पायलट से ऐसा क्यों कहा?

"मैं लड़ने पर आया तो एक ही बचेगा",गहलोत के मंत्री ने सचिन पायलट से ऐसा क्यों कहा?

Ashok Gehlot Minister Ashok Chandna: राजस्थान के अजमेर में अशोक चांदना के कार्यक्रम में जूते-चप्पल फेंके गए.

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>'मैं लड़ने पर आया तो एक ही बचेगा'-गहलोत के मंत्री चांदना ने पायलट को दी चुनौती</p></div>
i

'मैं लड़ने पर आया तो एक ही बचेगा'-गहलोत के मंत्री चांदना ने पायलट को दी चुनौती

फोटोः क्विंट

advertisement

गुर्जर आंदोलन के अगुवा रहे कर्नल किरोड़ीलाल बैंसला का सोमवार को अजमेर में अस्थि विसर्जन कार्यक्रम था. इस दौरान हुई जनसभा में राजनीतिक हुड़दंगई देखने को मिली. आरोप लग रहे हैं कि प्रदेश भर से कार्यक्रम में भाग लेने आए गुर्जरों ने प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री शकुंतला रावत और खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना का जोरदार तरीके से विरोध किया. इन नेताओं को भाषण भी पूरा नहीं देने दिया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

शकुंतला रावत ने तो जैसे-तैसे अपना भाषण पूरा किया, लेकिन चांदना ज्योही भाषण के लिए खड़े हुए मौजूद भीड़ का विरोध बढ़ गया. भीड़ ने सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाते हुए चांदना की तरफ जूते-चप्पल और खाली बोतले फेंकना शुरू कर दिया. भीड़ के इस रवैये से नाराज चांदना ने भी तैश में आकर विरोध करने वालों को यह कह डाला कि उनके जैसे बहुत देखे. इसके बाद सभा स्थल पर जोरदार हंगामा शुरू हो गया. विरोध कर रहे लोगों ने चांदना को भाषण पूरा नहीं करने दिया. वहां तैनात पुलिस और आयोजकों ने बड़ी मुश्किल से भीड़ को नियंत्रण करने का प्रयास किया.

चांदना ने लिखा, जूते फेंकवाने से पायलट मुख्यमंत्री बनते हैं तो जल्दी बनें

हंगामे से आहत खेल मंत्री चांदना ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने लिखा कि मुझ पर जूते फेंकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बनते हैं, तो जल्दी से जल्दी बन जाएं क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है. जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा, यह मैं नहीं चाहता.

चांदना ने यह भी लिखा कि आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला. 72 शहीदों को मारने के आदेश देने वाले मंत्रिमण्डल के सदस्य राजेन्द्र राठौड़ के मंच पर आने पर तालियां बजी और जिनके परिवार के लोग आंदोलन में जेल गए उन पर जूते फेंके गए. कर्नल साहब की अंतिम स्मृति को ऐसे कलंकित करने वाले लोग कितनी दूर जाएंगे, यह तो वक्त बताएगा.

गुर्जरों की इस सभा में जहां बीजेपी से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक वासुदेव देवनानी सहित कई नेता पहुंचे. वहीं कांग्रेस से मंत्री शकुंतला रावत, अशोक चांदना, आरसीए अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत सहित आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ शरीक हुए.

प्रदेश में इस समय गुर्जरों के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट इस सभा में मौजूद नहीं रहे. हंगामे को लेकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष विजय बैंसला ने कहा कि यह हादसा है. यह समाज की भावना नहीं, जो हुआ, वो एक कोने में बैठे कुछ लोगों ने किया. सचिन पायलट को लेकर नाराजगी थी कि वे नहीं आ पाए. कार्यक्रम में दोनों पार्टियों के लोग थे. कोई विवाद नहीं.

26 दिन की यात्रा के बाद पुष्कर पहुंचा था अस्थि कलश

स्वर्गीय कर्नल बैंसला के बेटे विजय बैंसला की अगुवाई में 17 अगस्त को झुंझुनूं के खेतड़ी से शुरू हुई अस्थि विसर्जन यात्रा सोमवार को 26वें दिन पुष्कर में खत्म हुई. प्रदेश में राजनीति हलचल के बीच इस बड़े आयोजन को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. लम्बे अर्से बाद गुर्जर समाज एक बार फिर से इतनी तादाद में एकत्र हुआ था. सभा में गुर्जर समाज के साथ रेबारी, राइका, देवासी, गड़रिया, बंजारा, गाडरी, गायरी, गाड़िया-लुहार समाज के लोग भी भारी संख्या में जुटे.

पूर्व मंत्री बोले- वोट पायलट के नाम पर मांगे गए

पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग पर पूर्व मंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से कहा कि पार्टी ने सचिन पायलट को सामने रख कर वोट मांगे थे, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया. इसका परिणाम लोकसभा चुनाव में देखने को मिला. कांग्रेस सभी 25 सीटें हार गई.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT