advertisement
मुंबई को बॉलीवुड (Bollywood) की ड्रीम सिटी के तौर पर देखा जाता है, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने देश की सबसे बड़ी 'फिल्म सिटी' (Film City) बनाने का फैसला किया है. इसी की तर्ज पर महाराष्ट्र का औरंगाबाद (Aurangabad) अब शूटिंग हब बन गया है. औरंगाबाद शूटिंग के लिए निर्देशक और अभिनेता दोनों की पसंद बनता जा रहा है, जिसके वजह से औरंगाबाद में रोजगार और कमाई के मौके बढ़ रहे हैं.
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की अपकमिंग फिल्म जवान की शूटिंग बिडकिन के MIDC में हुई थी, जिसके लिए 15 दिनों के लिए 60 लोगों की यूनिट औरंगाबाद आई थी. फिल्म को लगातार 10 दिनों तक शूट किया गया था, जिसमें 10 मिनट का एडवेंचर सीक्वेंस फिल्म में दिखाया जाएगा.
फिल्म जवान के एक्शन दृश्यों के लिए MIDC में साढ़े पांच किलोमीटर 8 लेन की खुली सड़क को चुना गया था. इसके लिए औरंगाबाद में 25 से 30 करोड़ का कारोबार होता था.
एक्शन सीन में विस्फोट में 25 पुरानी जीपों को उड़ा दिया गया. इसके लिए 20 से 25 कंटेनर 20 दुपहिया वाहन किराए पर लिए गए थे, इसके अलावा अप्पेरिका से लेकर क्रेन, जेसीबी, रोड रोलर सब कुछ तैयार रखा गया था. इसके लिए शहर के 2 स्टार, 3 स्टार, 5 स्टार होटलों को 15 दिन के लिए बुक किया गया. इसके साथ ही 200 स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है.
औरंगाबाद जिला हिंदी मराठी फिल्मों, धारावाहिकों, वेब सीरीज और विज्ञापनों के लिए शूटिंग हब बन गया है. जवान ही नहीं बल्कि "रे", आशिकाना, लाडला, डिस्पैच, गुलकंद और मुक्कम पोस्ट कोलशेवाड़ी जैसी कई हिंदी और मराठी फिल्म वेब सीरीज की शूटिंग औरंगाबाद में की गई है.
औरंगाबाद हवाई अड्डा ग्रामीण क्षेत्र, वेरुल गुफाएं, अजंता की गुफाएं, देवगिरी किला, बीबी का मकबरा और MIDC क्षेत्र फिल्म की शूटिंग के लिए सबसे पसंदीदा हैं. इतना ही नहीं औरंगाबाद में हर महीने 5 से 6 बड़े विज्ञापनों की शूटिंग भी हो रही है.
प्रोडक्शन हाउसों को मुंबई की तुलना में औरंगाबाद में शूटिंग का खर्च कम पड़ता है, इसके अलावा औरंगाबाद जिले के इलाके को पसंद किया गया है, क्योंकि शूटिंग में कोई मुश्किल नहीं आती है.
औरंगाबाद में कहीं ऐसी जगह है जो ऐतिहासिक और काफी पुरानी है. कोर्डिनेटर किशोर निगम ने बताया कि निकट भविष्य में औरंगाबाद में फिल्म निर्माण के लिए बड़े बैनर आएंगे. किशोर निगम औरंगाबाद के लाइन प्रोड्यूसर है.
औरंगाबाद, जो अब तक एशिया में सबसे तेजी से विकसित होने वाले शहर के रूप में जाना जाता है, इसे जल्दी ही अब एक मिनी फिल्म सिटी के रूप में जाना जाएगा.
(इनपुट्स - अविनाश कानडजे)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)