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बिहार के बेगूसराय जिले में अंधाधुंध फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले सनकी शूटर्स को लेकर बिहार पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि अपराधियों का मकसद अब तक की जांच में सिर्फ दहशत फैलाना ही दिख रहा है. पकड़े गए अपराधियों में केशव कुमार उर्फ नागा और युवराज कुमार पर पूर्व से भी आपराधिक मामले दर्ज हैं और आर्म्स एक्ट के मामले में यह दोनों जेल भी जा चुके हैं. अर्जुन और चुनचुन की भी संलिप्तता सामने आई है.
फिलहाल, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस के आधार पर चारों अपराधियों की गिरफ्तारी कर ली है.
एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि इनमें और लोगों की संलिप्तता हो सकती है. इसके लिए अभी जांच जारी है. दूसरी ओर केशव के परिवार वालों ने बेगूसराय पुलिस पर केशव को जबरन फंसाने का आरोप लगाया है और एक सीसीटीवी फुटेज भी दिखाया था.
इस संबंध में एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि जो सीसीटीवी फुटेज परिवार वालों के द्वारा दिखाया जा रहा है वह घटना के बाद का सीसीटीवी फुटेज है. इससे पूर्व अपराधियों ने घटना को अंजाम दे दिया था. पुलिस की दबिश के बाद जब केशव जिला छोड़कर फरार हो रहा था, इसी दौरान मोबाइल सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने झाझा स्टेशन से उसको भी दबोच लिया था.
पुलिस के शुरुआती दावे को अगर सच मान लिया जाये तो एक सवाल ये उठता है कि अगर वो दहशत फैलाना चाहते थे तो दोनों ने अपना चेहरा क्यों छिपा रखा था. ये वो सवाल है जिसका जवाब पुलिस को जल्दी ढूंढना होगा. और अगर ये बात सच है तो फिर कानून व्यवस्था पर सवाल उठेंगे कि क्या पुलिस का जरा भी डर अपराधियों में नहीं है.
दरअसल, बेगूसराय के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 13 सिंतबर को मोटर साइकिल पर सवार दो युवकों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी. इस घटना में 11 लोगों को गोली लगी थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
घटना के तुरंत बाद पुलिस को ने एक सीसीटीवी फुटेज जारी किया था. पुलिस की तरफ से जारी सीसीटीवी फुटेज में दोनों एक बाइक पर सवार दिख रहे थे. फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता था कि बाइक चला रहे साइको शूटर्स ने हेलमेट पहन रखा था, जबकि उसके पीछे बैठे अपराधी ने तौलिया से अपना चेहरा ढक रखा था. बाइक सवार लगातार आगे बढ़ते दिख रहे थे.
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