Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Video: बिहार की दो टॉपर बेटियां, कामयाबी का सीक्रेट क्या है?

Video: बिहार की दो टॉपर बेटियां, कामयाबी का सीक्रेट क्या है?

जमुई की शुभदर्शिनी को बिहार 10वीं बोर्ड परीक्षाओं में 500 में से 484 नंबर मिले हैं.

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
लेफ्ट: शुभदर्शिनी, राइट: पूजा कुमारी
i
लेफ्ट: शुभदर्शिनी, राइट: पूजा कुमारी
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

“आगे चलकर मैंने डॉक्टर बनने का सोचा है ताकि लोगों कि निस्वार्थ सेवा कर सकूं. एक अच्छी डॉक्टर बनूं.”

पहली भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को अपनी प्रेरणा बताने वाली शुभदर्शिनी ने बिहार बोर्ड की 10वीं की परिक्षा में टॉप किया है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

जमुई के सिमुलतला आवासीय विद्यालय की छात्रा शुभदर्शिनी को 500 में से 484 नंबर मिले हैं, मतलब 96.80%. बिहार में हिलसा के चमरबिगहा मिडिल स्कूल में हेडमास्टर ओमप्रकाश निराला और नीलम कुमारी की बेटी शुभदर्शिनी बताती हैं कि कोरोना के दौरान मुश्किलें थीं, लेकिन मेरे परिवार ने साथ दिया और साथ ही ऑनलाइन क्लास का सहारा रहा जो उनकी तैयारी नहीं रुकी.

शुभदर्शिनी(फोटो: क्विंट हिंदी)
“मैं लगातार अपना काम करती रही, पूरे साल हर दिन 3 से 4 घंटे पढ़ाई की थी. मुझे यकीन था कि मैं टॉप 10 में आऊंगी जरूर, लेकिन टॉप करूंगी ये नहीं सोचा था. मैं बिलकुल भी नर्वस नहीं हूं अपनी कामयाबी को लेकर क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि अच्छा होगा.”
शुभदर्शिनी

शुभदर्शिनी की तरह ही उनकी क्लासमेट पूजा कुमारी ने भी 484 नंबर लाकर टॉप किया है. बता दें कि इस बार बिहार को 3 टॉपर मिला है. शुभदर्शिनी और पूजा के साथ बलदेव हाई स्कूल दिनारा रोहतास के संदीप कुमार ने भी 484 नंबर हासिल किया है.

डॉक्टर बनने की चाह

पूजा कुमारी अपने कामयाबी का राज बताते हुए कहती हैं, “मैंने समझकर पढ़ाई की, हर दिन 6-7 घंटे पढ़ाई करना और जो भी कंफ्यूजन होता तो अपनी टीचर से बात करती. ऐसा नहीं किया कि किसी दिन 6 घंटे पढ़ा और किसी दिन नहीं. एक नियम जरूरी है जो मैंने अपनाया.”

पूजा कुमारी(फोटो: क्विंट हिंदी)

पूजा का अगला टार्गेट नीट की परीक्षा में कामयाबी हासिल कर मेडिकल में जाना है. पूजा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अपने गांव धरोहरी के मिडिल स्कू से की थाी, बाद में उनका एडमिशन सिमुलतला आवासीय विद्यालय में हुआ.

पूजा लॉकडाउन और कोरोना का जिक्र करते हुए कहती हैं कि शुरू में जब लॉकडाउन लगा तो पढ़ाई ब्रेक हो गई थी, थोड़ा घबराहट हुई लेकिन स्कूल में ऑनलाइन क्लास शुरू हुआ और ट्यूशन वाले सर ने मदद की. सरकारी मध्य विद्यालय के शिक्षक प्रभु शरण ठाकुर की बेटी पूजा अपने पिता को अपनी कामयाबी क्रेडिट देते हुए कहती हैं कि पापा ने भी इस दौरान खूब मदद की. उन्होंने पढ़ाया और फिर चीजें आसान होती गईं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT