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बिहार में लॉकडाउन के दौरान मंत्रियों और विधयाकों के घूमने पर सरकार द्वारा अंकुश लगाया जाना सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी के लोगों को रास नहीं आ रहा है. बीजेपी के नेता इस मसले पर खुलकर तो कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन नाखुशी जरूर जाहिर कर रहे हैं. बिहार सरकार ने 23 मई को पत्र जारी कर सभी मंत्रियों के घूमने पर रोक लगा दी है.
कैबिनेट सचिवालय ने अपने पत्र में कहा कि '' ऐसी जानकारी मिल रही है कि मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र या प्रभार वाले जिलों में घूम रहे हैं. उनके क्षेत्र में जाने से लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है. ऐसे में मंत्री बाहर नहीं निकलें. अगर जरूरत हो तो वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से निरीक्षण या मीटिंग करें, इस निर्देश के बाद बीजेपी के लोग नाराज बताए जा रहे हैं.
सूत्रों का कहना है कि बैठक में कई विधायकों और सांसदों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि बिहार की सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है. सरकार का यह निर्णय तानाशाही वाला है. विधायकों ने कहा कि इस निर्देश के पहले बीजेपी के उपमुख्यमंत्रियों से राय ली गई थी.
बीजेपी के एक विधायक नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल जहां अपने क्षेत्रों में लगातार इस कोरोना काल में लोगों की मदद पहुंचाने और लोगों को हर सुविधा पहुंचाने में जुटे हैं, वहीं मंत्री सम्राट चौधरी अपने प्रभार वाले जिलों में लोगों से मिलकर उन्हें राहत पहुंचाने जुटे थे.
इधर, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कटिहार में सामुदायिक रसोई में जाकर खाना का स्वाद चखा था तथा वहां का निरीक्षण किया था। इसके बाद सरकार द्वारा यह निर्देश भाजपा के विधायकों और मंत्रियों के गले के नीचे उतर नहीं रही है
राज्य में कोरोना संक्रमण की तेज गति को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. राज्य में पहले पांच मई से 15 मई और फिर इसे विस्तारित करते हुए 16 मई 25 मई और फिर 26 मई से इसे बढा कर एक जून तक कर दिया गया है. लॉकडाउन के दौरान मरीजों में भी काफी कमी आई है.
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