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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार, 05 नवंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सत्ता का आनंद लेने के लिए लालू प्रसाद यादव की गोद में बैठे हैं. मुजफ्फरपुर के पताही हवाईअड्डा मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि वह बिहार को 'जंगलराज' और 'पलटू राम' से मुक्त कराना चाहते हैं.
अमित शाह ने बिहार जाती सर्वे पर भी हमला बोला है, जिसपर तेजस्वी यादव ने पलटवार किया.
अमित शाह ने कहा, “यह खुदी राम बोस, जुब्बा सहनी और पंडित शाहदेव की धरती है और मैं उनका सम्मान करना चाहता हूं और छठी मैया से प्रार्थना करता हूं कि 2025 में बिहार को जंगलराज और पलटू राम से मुक्त कराएं.”
अमित शाह ने कहा, ''जब आपने पलटू राम को वोट दिया तो वह प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे. उन्होंने जनादेश के साथ धोखा किया है. उन्होंने छह से अधिक बार ऐसा किया है.”
अमित शाह ने कहा कि नीतीश कुमार अपने लिए इंडिया गठबंधन में संयोजक का पद चाहते थे, लेकिन दूसरों को यह पसंद नहीं था. अमित शाह ने कहा, “वह उस गठबंधन से निकल जाने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई रास्ता नहीं मिल रहा है. लोगों ने खुद को जंगलराज से बचाने के लिए एनडीए को वोट दिया था, लेकिन नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक हित के लिए गठबंधन तोड़ दिया.”
अमित शाह ने कहा, “मोदी सरकार में 35 मंत्री हैं और उनमें से 27 ओबीसी से हैं. उन्होंने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है, लेकिन जब लालू प्रसाद और कांग्रेस देश की सत्ता में थे तो उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया.”
अमित शाह ने कहा, "लालू और नीतीश को बिहार के 2025 विधानसभा चुनाव के लिए सीएम चेहरे के रूप में ईबीसी उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए."
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और सैन्य विद्यालय में प्रवेश में पिछड़े वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया है और ईबीसी छात्रों के लिए कोई शुल्क नहीं है.
अमित शाह ने कहा कि, "हमारी सरकार ने पिछड़ी जाति के लोगों को पेट्रोल पंपों, गैस एजेंसियों में 27 प्रतिशत आरक्षण और 10वीं कक्षा से पहले और उसके बाद के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति दी है."
पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ''मैंने अमित शाह का बयान सुना. उन्होंने कहा कि जाति आधारित सर्वे में यादव और मुसलमानों की आबादी बढ़ी है और अन्य समुदायों की आबादी घटी है. मैं कहना चाहता हूं अगर (सर्वे) गलत है, तो पूरे देश में जाति जनगणना कराओ, आपको किसने रोका है? आप ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं?"
ललन सिंह ने कहा कि, “आज, अमित शाह ने कहा कि बीजेपी उस सरकार का हिस्सा थी जिसने जाति जनगणना का निर्णय लिया था. लेकिन, उन्हें यह भी कहना चाहिए था कि केंद्र में उनकी सरकार ने ही देशव्यापी जाति जनगणना के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और पटना उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करके बिहार में जाति सर्वेक्षण में बाधा डाली थी.''
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