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देश में किसी भी पॉक्सो अदालत (POCSO court) का सबसे तेज फैसला देते हुए बिहार के अररिया पोक्सो अदालत ने एक दिन में दस गवाहों को सुनकर, तर्कों और प्रतिवादों को दर्ज करके, आरोपी को रेप का दोषी ठहराते हुए अपना फैसला सुना दिया.
हालांकि (राज्य बनाम दिलीप कुमार यादव) मामले की यह सुनवाई और फैसला 4 अक्टूबर 2021 को आया था, लेकिन यह मामला शुक्रवार, 26 नवंबर को तब प्रकाश में आया जब ऑर्डर शीट जारी हुआ.
जज शशिकांत राय की अदालत ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया. अदालत ने पीड़िता को पीड़ित मुआवजा कोष से सात लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया है.
अदालत ने आरोपी की तरफ से अपराध के इनकार में मेरिट नहीं पाई, और खुद सर्वाइवर की गवाही पर बहुत भरोसा करते हुए कहा कि उसने इस घटना को स्पष्ट तरीके से समझाया और उस पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं था.
चाइल्ड विटनेस की गवाही के बिंदु पर चर्चा करते हुए, जज ने पाया कि इसने सभी टेस्ट को पास किया है और उसके बयान की निरंतरता ने इसे विश्वसनीय बना दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में “सखारे बनाम महाराष्ट्र राज्य” वाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चर्चा की है जिसमें यह माना गया था कि यदि एक बाल गवाह को सक्षम पाया जाता है, तो ऐसे सबूत दोषसिद्धि का आधार हो सकते हैं.
सुनवाई के दौरान दोषी ने कोर्ट से कहा कि वह अपने गरीब परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य है और उसने कहा कि वह किसी अन्य अपराध में शामिल नहीं था. उसने प्रार्थना की कि अदालत उसे सजा सुनाते समय नरम रुख अपनाए.
दूसरी तरफ लोक अभियोजक( पब्लिक प्रोसिक्यूटर) ने कोर्ट से इस बात पर विचार करने को कहा कि किस तरीके से रेप को अंजाम दिया गया और अधिकतम सजा सुनाने का आग्रह किया.
सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से वकील श्याम लाल यादव पेश हुए थे जबकि बचाव पक्ष का प्रतिनिधित्व वकील विनीत प्रकाश ने किया.
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