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यूपी में प्राइमरी स्कूल के बच्चों को मिड डे मील में दी गई नमक-रोटी

मिड डे मील में गंभीर लापरवाही, सुनने वाला कोई नहीं

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नमक से रोटी खाते बच्चे
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नमक से रोटी खाते बच्चे
(फोटोः ANI)

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उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से शर्मनाक तस्वीरें सामने आई हैं. जिले में हनौता के सियूर प्राइमरी स्कूल में गुरुवार को बच्चों को मिड डे मील में खाने के लिए रोटी दी गई.

लेकिन हैरान करने वाली बात ये रही कि बच्चों को रोटी के साथ सब्जी, दाल, दूध या फल के बजाय सिर्फ नमक परोसा गया. मामले पर हंगामा मचने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

जिलाधिकारी का पक्ष

जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बताया, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशानुसार, सभी जिलों में मिड डे मील का मेन्यू पहले से तय है. कुछ दिनों के अंतर पर बच्चों को दूध और फल भी दिए जाते हैं. लेकिन ये लापरवाही स्कूल के शिक्षक और सुपरवाइजर की वजह से हुई है.’

ये लापरवाही शिक्षक और सुपरवाइजर के लेवल पर हुई है. शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है और सुपरवाइजर से जवाब मांगा गया है.
अनुराग पटेल, जिलाधिकारी 

जिलाधिकारी ने बताया, 'हमने जिम्मेदार शिक्षक को निलंबित कर दिया है. मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. ये सच है कि बच्चों को खाने में सादा रोटियां दी गईं और उन्हें सब्जियों के अभाव में नमक के साथ रोटी खाने के लिए मजबूर किया गया. ये गंभीर लापरवाही का मामला है.'

मिड डे मील पर बच्चे क्या बोले?

प्राइमरी स्कूल के बच्चों ने बताया कि उन्हें खाने में सब्जी तो कभी-कभी मिल जाती है. लेकिन दूध या फल कभी नहीं मिले. स्कूल की छात्रा काजल ने बताया-

आज हमें लंच में रोटी और नमक दिया गया था. कभी-कभी हमें रोटी के साथ सब्जी भी मिलती है. लेकिन आज के खाने में हमें रोटी के साथ नमक दिया गया.  

स्कूल के कुछ अन्य छात्रों ने बताया कि उन्हें खाने में दूध कभी नहीं दिया गया.

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रसोइए का पक्ष

स्कूल में खाना पकाने वाली महिला ने बताया कि उसे स्कूल में सभी बच्चों के लिए खाना बनाने के लिए सिर्फ आधा किलो आलू दिया जाता है.

स्कूल के सभी बच्चों को खाना खिलाने के लिए मुझे आधा किलो आलू, नमक और कुछ मसाले दिए गए थे. इसलिए मैंने रोटियां बनाईं और नमक के साथ परोस दीं. 

स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि उन्हें भी बच्चों को नमक-रोटी देना अच्छा नहीं लगा. लेकिन वह मजबूर हैं. शिक्षकों ने कहा कि लंबे समय से मिड डे मील को लेकर दुर्व्यवस्था है. कई स्थानीय लोग इसका विरोध भी कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

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Published: 22 Aug 2019,08:52 PM IST

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