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Colonel Viplav Tripathi ने परिवार सहित दी थी शहादत,परिजन लड़ रहे सम्मान की लड़ाई

13 नवंबर 2021 को मणिपुर में हुए हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी अनुजा और बेटे अबीर की मृत्यु हो गई थी.

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Colonel Viplav Tripathi ने परिवार सहित दी थी शहादत,परिजन लड़ रहे सम्मान की लड़ाई

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के लाल कर्नल विप्लव त्रिपाठी (Colonel Viplav Tripathi) की शहादत को 10 महीने बीत चुके हैं. 13 नवंबर 2021 को मणिपुर में हुए उग्रवादियों के हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी अनुजा और बेटे अबीर की मौत हो गई थी. इस हमले में असम राइफल्स के 4 और जवान शहीद हुए थे. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी विप्लव त्रिपाठी का परिवार उस दुख से नहीं उबर पाया है. आज भी बेटे-बहू और पोते की याद में माता-पिता की आंखें भर आती है. अब वो अपने बेटे-बहू को सम्मान दिलाने में जुटे हैं.

13 नवंबर 2021 का वो काला दिन

12 नवंबर 2021 को कर्नल विप्लव त्रिपाठी अपनी पत्नी अनुजा और बेटे अबीर के साथ मणिपुर के चूड़ाचांदपुर में सिंघट पोस्ट पर मेडिकल इंस्पेक्शन रूम के उद्घाटन समारोह में गए थे. जानकारी के मुताबिक उसी शाम उन्हें वापस बेस लौटना था. लेकिन उन्हें अगले दिन तक रुकना पड़ता है.

अगला दिन यानी 13 नवंबर को कर्नल विप्लव बेस कैंप के लिए लौट रहे होते हैं, इस दौरान घात लगाए उग्रवादी उनके काफिले पर हमला कर देते हैं. इस हमले में कर्नल विप्लव सहित पांच जवान शहीद हो गए थे. उनकी पत्नी अनुजा और बेटे की भी मौत हो गई थी.

इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) देख रही है. वहीं सेना सूत्रों के मुताबिक सेना स्तर पर भी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी हुई है. हालांकि, इस जांच में क्या निकला इसका खुलासा नहीं हुआ है.

बेटे अबीर के साथ कर्नल विप्लव त्रिपाठी

(फोटो: क्विंट हिंदी)

कर्नल विप्लव त्रिपाठी को गैलेंट्री अवार्ड देने की मांग

शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी, कमाडेंट, 46वीं बटालियन, असम राइफल्स को गैलेंट्री अवार्ड (वीरता सम्मान) दिलाने के लिए सोशल मीडिया से लेकर ग्राउंड स्तर पर प्रयास चल रहे हैं. परिजनों सहित अन्य लोगों ने भी इसके लिए राष्ट्रपति से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखा है.

बताया जा रहा है कि कर्नल विप्लव त्रिपाठी की यूनिट ने भी उनका नाम वीरता सम्मान के लिए नहीं भेजा है. माना जा रहा है कि इसके पीछे सैन्य प्रशासन से जुड़े तकनीकी कारण हो सकते हैं.

कर्नल विप्लव त्रिपाठी की मां आशा त्रिपाठी कहती हैं, "मेरा आधा परिवार एक झटके में खत्म हो गया. हमें किसी से कुछ नहीं चाहिए. बस इन तीनों की याद बनी रहे. लोग जाने कि मेरा विप्लव आखिरी सांस तक देश का था, बहू अनुजा की दिलेरी, नन्हे अबीर का देशप्रेम कैसा था. अब इन्हीं की यादों के सहारे जीना है."

रायगढ़ के लोगों की भी यही मांग

समाजसेवी गोपाल अग्रवाल कहते हैं, “शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की परिवार समेत शहादत पर क्या किसी को कोई शक है? 10 महीने बाद भी उनकी शहादत को किसी तरह की पहचान नहीं मिली, आखिर क्यों? जो रायगढ़ की जनता चाहती उससे सरकार को क्या एतराज हो सकता है? जनभावना के साथ यह कैसा खिलवाड़ है? सरकार सिर्फ एक मैदान के आधे–अधूरे नामकरण कर अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती है. वैसे भी यह नगर निगम का फैसला है.“

कर्नल विप्लव त्रिपाठी का परिवार

(फोटो: क्विंट हिंदी)

तो वहीं इस मामले में लक्ष्मीकांत दुबे कहते हैं, "जनप्रतिनधियों ने एक निर्जन मैदान को शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी का नाम देकर अपनी पीठ थपथपा ली है और सूबे के मुखिया भी खुश हैं." इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "लखीमपुर में सड़क हादसे में मरे लोगों को 50-50 लाख मुआवजा बांट दिया जाता है. लेकिन जब राज्य के शहीद की बात आती है तो सब चुप हो जाते हैं."

लक्ष्मीकांत दुबे ने आगे बताया कि उन्होंने शहीद विप्लव के घर के पास कोतवाली परिसर में उनकी प्रतिमा स्थापित करने के लिए पत्र लिखा था लेकिन उसका आज तक जवाब नहीं आया."

वहीं तीन महीने रायगढ़ दौरे पर आए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कर्नल विप्लव के परिवार से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि सैन्य संस्थानों में दिए जाने वाले पुरस्कार के नाम को शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के नाम करने के लिए वह प्रयास करेंगे. लेकिन उनके प्रयास का अभी तक कोई असर नहीं दिखा है.

सीएम का गोलमोल जवाब

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछले दिनों रायगढ़ के दौरे पर थे. इस दौरान जब उनसे कर्नल विप्लव के सम्मान को लेकर पूछा गया तो वो गोलमोल जवाब देकर बचते दिखे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में शहीद को गैलेंट्री अवार्ड देने के लिए राज्य सरकार की ओर से क्या किया जा रहा है इस सवाल पर उन्होंने कहा कि स्टेडियम का नाम रख दिया है. आगे देखते हैं.

वहीं इस मामले को लेकर रायगढ़ सांसद गोमती साय ने कहा कि, ”शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी पर पूरे देश को गर्व है. देश सेवा में उन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया." उन्हें बताया कि सैन्य वीरता सम्मान दिलाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. इसके साथ ही वो रक्षामंत्री और गृहमंत्री से भी मुलाकात करेंगीं.

बहरहाल, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी के पौत्र कर्नल विप्लव ने अपने बलिदान से खानदान की लेगेसी को बनाए रखा है.

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