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देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इनमें महाराष्ट्र की हालत सबसे चिंताजनक है. इस बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं और 2 अप्रैल तक नजर रखी जाएगी. अगर लोग कोरोना गाइलाइंस को तोड़ते हैं, तो सरकार के पास लॉकडाउन के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचेगा.
महाराष्ट्र में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इससे राज्य में गंभीर स्थिति बनी हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी राज्य में कोरोना के बढ़ते केसों पर चिंता जताई थी और कहा था कि महाराष्ट्र की स्थिति काफी चिंताजनक है.
इससे पहले राज्य के कुछ जिलों में कोरोना से बचाव के लिए सख्ती बरते हुए सरकार ने नाइट कर्फ्यू और आंशिक लॉकडाउन लगाया है.
कोरोना संक्रमण से बिगड़े हालात को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. इसमें मॉल, मार्केट, सिनेमा हॉल को 50 फीसदी क्षमता के साथ काम करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही मॉल, पर्यटक स्थल और ऑफिसों में कोरोना जांच के लिए रेंडम टेस्टिंग अनिवार्य कर दी गई है.
· सभी ड्रामा थिथेयटर और ऑडिटोरियम 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ संचालित होंगे.
· सभी ऑफिस और संस्थानों में बिना मास्क पहने किसी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा
· एंट्री गेट पर टेम्परेचर डिवाइस से तापमान मापना अनिवार्य होगा.
· विभिन्न सुविधाजनक जगहों पर सेनेटाइजर रखने की व्यवस्था करनी होगी.
· ऑफिस में कर्मचारियों की संख्या सीमित रखनी होगी, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा.
· सभी ड्रामा हॉल, ऑडिटोरियम को धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी.
महाराष्ट्र में कोरोना को लेकर जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार मॉल समेत भीड़भाड़ वाले स्थानों पर प्रवेश करने से पहले नागरिकों को रैपिड एंटीजन टेस्ट कराना अनिवार्य होगा.
ग्रेटर मुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि, मॉल में आने वाले सभी विजिटर्स को रैपिड एंटीजन टेस्ट कराना होगा और इसके लिए शुल्क का भुगतान भी करना होगा. अगर कोई नागरिक टेस्ट कराने या भुगतान करने से इनकार करता है तो उस पर महामारी एक्ट, 1897 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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