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COVID19: राजस्थान में 2 महीने के बिजली,पानी बिल स्थगित, CM का ऐलान
आम लोगों, उद्योगों और किसानों को राहत देने के लिए अशोक गहलोत के बड़े ऐलान
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आम लोगों, उद्योगों और किसानों को राहत देने के लिए अशोक गहलोत के बड़े ऐलान
(फोटो : PTI)
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लगातार बढ़ते कोरोनावायरस के संकट के मद्देनजर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आम लोगों, उद्योगों और किसानों को राहत देने के लिए 2 महीने के बिजली और पानी के बिलों को स्थगित करने का फैसला लिया है. इसके साथ ही राजस्थान सरकार ने राज्य के किसानों के लिए राहत पैकेज की भी घोषणा की है.
बिजली बिल में राहत के लिए बड़े फैसले
कोरोना संकट के कारण घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिलों के भुगतान में आ रही परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने 150 यूनिट प्रतिमाह तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के मार्च और अप्रेल माह के बिलों का भुगतान स्थगित करने का फैसला किया है.
इन बिलों का भुगतान उपभोक्ता मई माह में जारी होने वाले बिलों की राशि के साथ कर सकेंगे. इससे प्रदेश के करीब एक करोड 5 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.
कृषि और घरेलू श्रेणियों के सभी उपभोक्ता 31 मई, 2020 तक बिलों का भुगतान करेंगें तो उन्हें आगामी बिल में भुगतान की गई राशि की 5 प्रतिशत छूट दी जाएगी. सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को यह राहत देने के लिए राज्य सरकार करीब 650 करोड़ रूपए डिस्कॉम्स को उपलब्ध करवाएगी.
राज्य सरकार ने ऐसे कृषि एवं घरेलू कनेक्शन जो बकाया राशि के कारण 31 मार्च, 2019 से पहले काटे गए थे, उनके लिए एमनेस्टी योजना की अवधि भी 30 जून, 2020 तक बढ़ा दी है. इससे किसानों को करीब 45 करोड़ रूपए की छूट का लाभ मिल सकेगा और उनके काटे गए कनेक्शन फिर चालू हो सकेंगे.
राज्य सरकार ने किसानों को संबल देने के लिए कृषि उपभोक्ताओं के मार्च में जारी बिल और अप्रैल एवं मई में जारी होने वाले बिलों का भुगतान भी 31 मई, 2020 तक स्थगित किया है. इससे प्रदेश के करीब 13 लाख किसानों को लाभ मिलेगा.
राजकीय प्रतिष्ठान, लॉकडाउन से मुक्त प्रतिष्ठानों को छोड़कर अन्य सभी अघरेलू (व्यावसायिक- पर्यटन से संबंधित प्रतिष्ठान,शोरूम,दुकान, होटल, वर्किंग हॉस्टल आदि) के करीब 11 लाख कनेक्शन के मार्च,अप्रैल के बिजली बिलों के फिक्स्ड चार्ज को लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई तक डेफर किया है.
औद्योगिक प्रतिष्ठानों के बिजली कनेक्शन के मार्च, अप्रैल के बिल जो अप्रैल,मई में जारी होंगे,उनमें फिक्स्ड चार्ज को लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई, 2020 तक स्थगित (डेफर) किया है. इससे लघु,मध्यम,बड़ी औद्योगिक इकाइयों के करीब 1 लाख 68 हजार उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी.
राज्य के सभी आम उपभोक्ताओं को पेयजल बिलों के भुगतान से राहत देते हुए मार्च और अप्रैल माह के बिलों का भुगतान स्थगित किया गया है. इनका भुगतान उपभोक्ता जून माह में कर सकेंगे.
किसानों को राहत की सौगातें
राज्य सरकार किसानों की परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अगले एक महीने में 700 करोड़ रूपए के प्रीमियम का भुगतान और करेगी, ताकि खरीफ-2019 तक के पूर्ण राज्यांश प्रीमियम का भुगतान हो सके और किसानों को लंबित क्लेम का भुगतान हो सके.
आर्थिक रूप से कमजोर लघु और सीमांत किसानों को कृषि कार्यों में आ रही कठिनाई को देखते हुए इन किसानों को कृषि यंत्र निर्माता कम्पनियों से समन्वय कर फसल कटाई, थ्रेसिंग और अन्य कृषि गतिविधियों के लिए मुफ्त ट्रैक्टर और कृषि यंत्र किराए पर उपलब्ध करवाए जाएंगे.
प्रदेश में 16 अप्रेल से शुरू होने वाले खरीफ फसली ऋण के तहत किसानों को 25 प्रतिशत ऋण बढ़ाकर दिया जाएगा. इस तरह खरीफ 2020 में करीब 8 हजार करोड़ रूपए का ऋण वितरित होगा. बढ़ी हुई राशि का लाभ प्रदेश के करीब 20 लाख किसानों को मिलेगा.
गहलोत ने केंद्र से एक लाख करोड़ रुपये की मदद मांगी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक लाख करोड़ रुपए की तत्काल मदद की गुजारिश की है. इसके अलावा मुख्यमंत्री गहलोत ने आवश्यक वस्तुओं, दवाओं और मेडिकल सामनों की निर्बाध आपूर्ति करने के लिए एक इंटर स्टेट सप्लाइ चेन प्रोटोकॉल लागू करने का आग्रह किया है. गुरुवार को पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने एक बयान में कहा कि केंद्र द्वारा राज्यों की मदद बहुत जरूरी है ताकि बेसहारा लोगों, गरीबों और अन्य जरूरतमंदों को राहत मिल सके. गहलोत ने निजी सुरक्षा उपकरण (PPE) सही कीमत पर दिलवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि हर गरीब का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं ताकि उन्हें खाना दे सकें.