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उत्तराखंड: शिकायत के बाद दलित कुक की वापस बहाली, बहिष्कार के बाद गई थी नौकरी

प्रशासन का कहना है कि सुनीता देवी को नियमों के अनुसार ही नौकरी पर रखा गया है.

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<div class="paragraphs"><p>उत्तराखंड: शिकायत के बाद दलित महिला को वापिस मिली स्कूल में कुक की नौकरी</p></div>
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उत्तराखंड: शिकायत के बाद दलित महिला को वापिस मिली स्कूल में कुक की नौकरी

(फोटो-प्रतिकात्मत/अलटर्ड बाय क्विंट)

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उत्तराखंड में एक महिला कुक को सिर्फ दलित होने के चलते कुक की पोस्ट से हटा दिया गया था. लेकिन अब संबंधित महिला की वापस बहाली हो गई है. घटना चंपावत जिले के जौल गांव में स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्रीराम चंद्र शासकीय इंटर कॉलेज की थी.

एससी/एसटी एक्ट के तहत शिकायत के बाद हुई बहाली

रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला ने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ SC/ST एक्ट और आईपीसी की धारा 506 मे शिकायत दर्ज कराई थी. प्रशासन ने बताया कि सुनीता देवी की बहाली नियमों के मुताबिक ही की गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक चंपावत के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) आरसी पुरोहित ने कहा कि सुनीता शीतकालीन अवकाश के बाद 16 जनवरी से काम करना शुरू कर देगी. उन्होंने कहा, "पहले उन्हें हटा दिया गया था, क्योंकि उनकी नियुक्ति के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था." अब उन्हें उचित प्रक्रिया के बाद बहाल कर दिया गया है."

"मुझे उम्मीद है कि इस बार कोई परेशानी नहीं होगी"- सुनीता देवी

बता दें सुनीता की नियुक्ति का विरोध करने वाले एक छात्र के माता-पिता ने एक नियम "उल्लंघन" का हवाला दिया था. हालांकि, प्रधानाध्यापक प्रेम सिंह जो खुद एक दलित हैं, उन्होंने बताया कि ऊंची जाति के छात्रों के बहुमत वाले इस स्कूल में 10 वर्षों में एक भी दलित रसोइया नहीं रहा है. जबकि नियमों के मुताबिक, सामान्य वर्ग के इतर किसी कर्मचारी को शामिल किया जाना जरूरी है.

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यह था पूरा मामला

जब स्कूल को मिड डे मील के लिए कुक की तलाश थी, तो चार सदस्यीय समिति ने तमाम नियमों और जरूरतों के अनुसार सुनीता देवी को चुना. लेकिन पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र जोशी ने नियुक्ति पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. प्रिंसिपल प्रेम सिंह ने दावा किया कि एक बैठक में जहां वह मौजूद नहीं थे, दलित रसोइए पर आपत्ति जताते हुए कुछ अन्य माता-पिता ने जोशी का समर्थन किया.“

दो-तीन दिनों के बाद सुनीता के खाने का बहिष्कार शुरू हो गया, 40 से अधिक जनरल केटेगरी के छात्रों ने सुनीता द्वारा पका हुआ भोजन खाने से इनकार कर दिया. 20 दिसंबर को सुनीता को नहीं आने के लिए कहा गया था. कुछ दिनों बाद, स्कूल के 21 दलित छात्रों ने दूसरे रसोइए विमलेश द्वारा पकाए गए भोजन को खाने से मना कर दिया और कहा कि वह ब्राह्मण है.

पूरे घटनाक्रम के बाद सुनीता ने शिकायत दर्ज कराई थी. सुनीता की शिकायत के आधार पर 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. चंपावत के एसपी देवेंद्र पिंचा ने कहा कि सभी आरोपी सुखीडांग और आसपास के गांवों के हैं और अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

(न्यूज इनपुट्स- इंडियन एक्सप्रेस)

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