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दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी के तहत, 17 नवंबर से शराब (Alcohol) की नई निजी दुकानें खुलने जा रही हैं. दुकानें हालांकि कुछ दिन बाद खुलेंगी, लेकिन वो 11 नवंबर से ऑर्डर देना शुरू कर सकते हैं. दिल्ली में हो रहे इस बदलाव के बाद दिल्ली सरकार, शराब के खुदरा कारोबार से बाहर हो जाएगी.
इसका क्या मतलब है? अब क्या अलग होगा? जानिए जरूरी बातें.
शराब की खुदरा बिक्री से सरकार के बाहर होने का क्या मतलब है?
दिल्ली सरकार ने शराब के खुदरा कारोबार से बाहर निकलने के पीछे ये कारण बताए गए हैं:
शहर का रेवेन्यू बढ़ाना
शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई
ग्राहक के अनुभव में सुधार
शराब की निजी दुकानें, जो वर्तमान में दिल्ली में कुल शराब की दुकानों का 40 प्रतिशत हैं, 1 अक्टूबर से 16 नवंबर तक बंद रहीं. इस दौरान केवल सरकारी ठेके चल रहे थे, जिससे शहर में शराब की किल्लत हो गई.
दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया है और लाइसेंस का आवंटन अब जोनल आधार पर किया जा रहा है. जिन लोगों ने एक या दो जोन जीते हैं, उन्हें L-7Z या L-7V लाइसेंस दिए गए हैं, जिसका मतलब है कि वो भारतीय और विदेशी शराब की खुदरा बिक्री में शामिल हो सकते हैं.
दिल्ली में कितनी निजी दुकानों को शुरू किया गया है?
शहर के 32 क्षेत्रों में 850 शराब की दुकानें हैं, जिनमें 266 निजी तौर पर चल रही हैं. 17 नवंबर से ये सभी निजी संस्थाओं के अंतर्गत आ जाएंगे.
इन दुकानों में क्या अलग होगा?
ये शराब की दुकानें मॉल में वॉक-इन दुकानों के जैसी होंगी, जहां कोई शख्स अंदर चलकर अपनी पसंद का ब्रांड चुन सकता है.
इनमें से कुछ दुकानें स्नैक्स और खाने के दूसरे आइटम का स्टॉक भी रख सकते हैं.
ये रिटेल वेंडर जो एसी वाले होंगे और उनमें शीशे के दरवाजे होंगे. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, ग्राहकों को दुकानों या फुटपाथ के बाहर भीड़ करने और काउंटर पर खरीदारी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
क्या दिल्ली में महंगी हो जाएगी शराब?
इस पर फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है. दिल्ली सरकार के आदेश में कहा गया था कि कीमतें 'competitive' यानी कि प्रतिस्पर्धी होंगी.
इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 नवंबर को दिल्ली सरकार को शराब के उन ब्रांड्स की संख्या के बारे में जानकारी देने के लिए कहा, जहां MRP तय है और जो अभी तक दिल्ली एक्साइज पॉलिसी 2021-22 के तहत किए जाने बाकी हैं.
ये सुपर प्रीमियम रिटेल वेंडर क्या हैं?
दिल्ली में पांच सुपर प्रीमियम रिटेल वेंडर (खुदरा विक्रेता) होंगे, जो 2,500-2,500 वर्ग फुट के होंगे. इन दुकानों में शराब चखने की सुविधा भी उपलब्ध होगी.
ये वेंडर 200 रुपये (MRP पर) के ऊपर की बीयर और दूसरे सभी स्पिरिट, जैसे व्हिस्की, जिन, वोडका, ब्रांडी आदि, 1,000 रुपये से ऊपर की कीमत वाले बेच सकते हैं.
ये वेबसाइटों और ऐप्स के जरिये राजधानी में शराब की होम डिलीवरी की भी अनुमति देता है.
इन सुपर प्रीमियम वेंडर की लोकेशन क्या है?
इसकी जगह अभी स्पष्ट नहीं है.
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