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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को एक ऑटो-रिक्शा द्वारा धनबाद के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) उत्तम आनंद की कथित तौर पर हत्या का संज्ञान लिया और झारखंड सरकार से मुख्य सचिव और डीजीपी के जरिए एक सप्ताह के भीतर मामले में जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी. मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि मामले को मीडिया द्वारा व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया है और इसे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा भी इस अदालत के संज्ञान में लाया गया था.
बेंच ने कहा, "न्यायिक अधिकारियों और कानूनी बिरादरी की रक्षा करना राज्य का कर्तव्य है जो निडर होकर काम करते हैं. इसके लिए इन बड़े मुद्दों की सुनवाई की आवश्यकता हो सकती है. हमने ऐसे मामलों को स्वत: संज्ञान लेने के बारे में सोचा.
बेंज ने अपने आदेश में दर्ज किया कि हाल ही में अदालत परिसर के अंदर और बाहर न्यायिक अधिकारियों और वकीलों पर हमले के कई मामले सामने आए हैं, और कानून अधिकारियों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और घटनाओं की प्रकृति को जानना आवश्यक है.
बेंच ने जोर देकर कहा कि देश में न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के बड़े मुद्दों को संबोधित करने की जरूरत है. मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को न्यायाधीश के दुखद निधन पर जांच की स्थिति पर एक सप्ताह के समय में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
बताया जाता है कि एडीजे आनंद गैंगस्टरों से जुड़े मामलों को देख रहे थे, बुधवार को मॉर्निग वॉक के दौरान उन्हें एक ऑटो-रिक्शा ने टक्कर मार दी. अस्पताल में इलाज के दौरान आनंद ने दम तोड़ दिया. सीसीटीवी फुटेज से संकेत मिल रहा है कि बीती रात चोरी हुए ऑटो रिक्शा ने उसे जानबूझ कर टक्कर मार दी. मृतक जज की पत्नी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है.
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