advertisement
पुणे के जमीन खरीद मामले में ED ने एनसीपी नेता एकनाथ खडसे से 9 घंटों तक पूछताछ की. ED ने खडसे को 10 दिनों में इस जमीन खरीदी से जुड़े दस्तावेज सौंपने को कहा है. 8 जुलाई को दूसरी बार खडसे ED के सामने हाजिर हुए.
मंगलवार देर रात खडसे के दामाद गिरीश चौधरी को गिरफ्तार करने के बाद ED ने खडसे को 8 जुलाई को पेश होने का समन भेजा था. जिसके बाद खडसे वकीलों के साथ सुबह 11 बजे ED कार्यालय पहुंचे.
इस कथित जमीन घोटाले मामले की पुणे एन्टी करप्शन ब्यूरो जांच कर चुका है. जिसमें खडसे को क्लीन चिट मिली थी. फडनवीस सरकार ने इस मामले की जांच करने के लिए झोटिंग कमेटी का गठन किया था. लेकिन इस जांच रिपोर्ट में भी खडसे के खिलाफ कोई ठोस सबूत सामने नहीं आए.
लेकिन बीजेपी से एनसीपी पार्टी में शामिल होने के बाद फिर एक बार ED ने इस मामले में मनी लॉड्रिंग के एंगल से जांच शुरू कर दी. ED कार्यालय पहुंचने पर खडसे ने कहा कि-
दरअसल, 7 जुलाई की रात ED के समन की खबर आते ही एकनाथ खडसे ने ED कार्यालय के कुछ ही अंतर पर स्थित एनसीपी पार्टी कार्यालय में दूसरे दिन सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. लेकिन कुछ घंटो बाद खराब स्वास्थ्य का कारण देते हुए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द करने की जानकारी एनसीपी के ट्विटर हैंडल से जारी की गई. जिसके बाद आज वो पूछताछ के लिए ED के दफ्तर पहुंचे.
पुणे की MIDC जमीन खरीदी में एकनाथ खडसे, पत्नी मंदाकिनी और दामाद गिरीश चौधरी पर कथित अनियमतताओं के आरोप है. विवादित जमीन तब खरीदी गई थी जब एकनाथ खडसे 2016 में राजस्व मंत्री थे. पुणे पुलिस ने 2017 में प्रायमरी कम्प्लेंट दर्ज की थी. जमीन एकनाथ खडसे के दामाद ने महज तीन करोड़ रुपये में खरीदी थी. उसी जमीन का स्टांप ड्यूटी शुल्क मूल्यांकन तब करीब 31 करोड़ रुपये था.
एकनाथ खडसे ने जनवरी में पूछताछ के दौरान लेन-देन के बारे में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही थी. खडसे के दामाद पूछताछ में लेन-देन के स्रोत के बारे में नही बता पाए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)