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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक मुस्लिम युवक के साथ मारपीट की खबर सामने आई है. मोहम्मद जीशान नाम का मदरसे का छात्र अपने घर जा रहा था, जब रास्ते में दूसरे समुदाय के युवकों ने रोक कर पूछताछ की और फिर पीटना शुरू कर दिया. जीशान का आरोप है कि उससे ‘जय श्रीराम’ के नारे लगवाए गए. हालांकि पुलिस ने इस आरोप से मना किया है और मारपीट में दो लोगों को हिरासत में लिया है.
पीड़ित मोहम्मद जीशान के मुताबिक, ये वाकया 3 जून का है जब मसूरी स्थित अपने घर आ रहा था. दतेड़ी गांव के निकट के कुछ लोगों ने घेरा.
FIR दर्ज कराने में परेशानी का आरोप लगाते हुए जीशान के चाचा मोहम्मद सरफराज ने क्विंट को बताया, “जीशान अपने 2 साथियों के साथ 3 जून की सुबह 8 बजे भोजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम त्यौड़ी से मसूरी गांव के लिए निकला. जैसे ही वह 18 किलोमीटर दूर दतेड़ी-नाहली मार्ग पर पहुंचा तो दतेड़ी के लोकल युवकों ने जीशान को पहले रोका, क्योंकि वह आगे थे, बाकी दो साथी पीछे थे. उनके पहुंचने तक जीशान की बहुत ज्यादा पिटाई की जा चुकी थी. जब जीशान के साथी शहजाद और कामिल पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट की गई.”
सरफराज का आरोप है कि पुलिस शिकायत दर्ज करने के लिए तैयार नहीं दिख रही थी. उन्होंने बताया कि 4 जून को उनकी शिकायत दर्ज हुई. उन्होंने बताया, "पुलिस ने हमें हावालत में 2 आरोपी दिखाए और कहा कि हमने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, बाकी पर अज्ञात के तहर मुकदमा दर्ज किया गया है. हम पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट हैं."
भोजपुर थाना प्रभारी प्रभात दीक्षित ने इस पूरे मामले को लेकर क्विंट से बातचीत में कहा, “जीशान सहित तीन लड़कों के साथ स्थानीय युवकों द्वारा मारपीट की गई थी, जिसके तहत हमने मुकदमा लिखा था. 147, 145, 323, 504, 506, 427 एवं 7CLA जैसी धाराएं लगाते हुए हमने दो लड़कों को पकड़ कर जेल भेज दिया है. ऐसी घटना घटी इसलिए 7 CLA (क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट) लगाया है. ऐसी घटनाएं घटना गलत है, जांच चल रही है. रही बात जयश्रीराम वाले मैटर की तो यह पूरी तरह से निराधार है, यह बाद में प्रोवोक किया गया है. आप उस वीडियो को देखिए कैसे उसको बनाते हुए बच्चे से कहलवाया गया, जो गलत है. मैं घटनास्थल पर गया था जहां जीशान से पूछा था तब उसने जयश्रीराम वाली बात नहीं बताई थी.”
हालांकि, जीशान का कहना है कि, “जब आसपास के लोग इकट्ठा हुए तब मारपीट करने वाले युवक भाग गए. मौके पर पहुंचे निकट के गांव के लोगों ने मुझे पानी पिलाया और चादर पर लिटाया, मुझे बहुत चोट आ गई थी. वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को कॉल किया लेकिन न कोई कॉल रिसीव हुई और न पुलिस वाले वहां पहुंचे. मेरी थानेदार साहब से पहली मुलाकात भोजपुर थाना के बाहर हुई थी, जब हम घटना के बाद पहली बार तहरीर लेकर थाना पहुंचे थे.”
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