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सुप्रीम कोर्ट, अलग-अलग हाईकोर्ट की फटकार और सरकारी दावों के बावजूद ऑक्सीजन की कमी से मौत की रिपोर्ट्स लगातार सामने आ रही हैं. अब गोवा के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMCH) में 26 कोरोना मरीजों की मौत का मामला सामने आया है. गोवा के हेल्थ मिनिस्टर विश्वजीत राणे ने बताया कि मंगलवार को तड़के ये मौतें हुईं हैं. राणे ने हाईकोर्ट से जांच की मांग भी की है.
स्वास्थ्य मंत्री राणे ने कहा है कि गोवा में मुंबई हाईकोर्ट की पीठ को गोवा के शीर्ष अस्पताल, गोवा मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में ऑक्सीजन की उपलब्धता की कथित कमी की जांच करनी चाहिए और न्यायालय को स्वास्थ्य मुद्दों पर कोविड का प्रबंधन अपने हाथ में ले लेना चाहिए.
विश्वजीत राणे का ये बयान ऐसे समय में आया है जब मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत ने GMCH का दौरा कर वहां के मरीजों का हालचाल जाना. प्रमोद सांवत ने कहा कि वो एक मीटिंग भी बुलाएंगे जिसमें सभी मुद्दों का निपटारा किया जाएगा.
गोवा के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है, लेकिन केवल इसलिए होती है क्योंकि सिलेंडर समय पर मरीजों तक नहीं पहुंच पाते हैं. सावंत ने ये भी कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति प्रक्रिया को एक दिन में सुव्यवस्थित किया जाएगा.
सावंत ने कोविड वार्ड का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से कहा,
न्यूज एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों के दौरान राणे की कोविड प्रबंधन के मुद्दों पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के साथ खींचतान देखने को मिली है. राणे ने यह भी कहा कि ऑक्सीजन को लेकर किसी भी प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं है और सावंत को ऑक्सीजन की उपलब्धता के मुद्दे के बारे में गुमराह किया गया है.
वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सीएम-हेल्थ मिनिस्टर के बीच चल रहे मतभेद राज्य के बढ़ते कोविड मामलों और खूंखार वायरस के कारण मौत के खिलाफ लड़ाई में बाधा डाल रहे हैं.
राणे ने कहा, मैं हाईकोर्ट से अनुरोध करता हूं कि अगर कुप्रबंधन या कहीं कोई कमी है और विशेषज्ञों का उपयोग करके एक श्वेत पत्र लाया जाए. हाईकोर्ट को जीएमसी के कोविड प्रबंधन को संभालना चाहिए.
राणे ने साफ किया कि जो मौतें नियमित रूप से रात 2 से 6 बजे के बीच गोवा के शीर्ष अस्पताल में होती हैं, उनमें ऑक्सीजन की कमी के कारणों को लेकर जांच किए जाने की जरूरत होती है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि कुप्रबंधन कहां है.
अभी एक दिन पहले ही आंध्र प्रदेश के तिरुपति के रुइया सरकारी अस्पताल से ऑक्सीजन की कमी से मौत की खबरें सामने आई थीं. इस अस्पताल में ऑक्सीजन टैंकर देरी से पहुंचने के कारण कम से कम 11 कोविड मरीजों की मौत की खबर है. ऑक्सीजन सिलिंडर रीलोड करने में 5 मिनट के लिए सप्लाई में प्रेशर की कमी हुई जिसकी वजह से 11 कीमती जानें चली गईं.
चित्तूर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर एम हरी नारायण ने बताया
ये सिर्फ एक या दो राज्य की कहानी नहीं है. अलग-अलग राज्यों के शहरी इलाकों से ये खबरें सामने आ रही हैं. ग्रामीण इलाकों में तो कई जगह रिपोर्ट ही नहीं आ पा रही है.
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