advertisement
मुंबई - अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ गुरुवार को सूरत जिले के किसान गुजरात हाईकोर्ट पहुंचे. जिले के अंत्रोली गांव के किसानों ने राज्य सरकार की प्रारंभिक अधिसूचना के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की. किसानों ने अपनी याचिका में दावा किया कि सरकार ने नियमों का पालन नहीं किया और अधिसूचना को रद्द करने की मांग की.
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि सरकार उनकी भूमि की कीमत की समीक्षा करने से पहले जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकती है, क्योंकि ये भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 में अनिवार्य है. उन्होंने दावा किया कि सरकार 2011 की बाजार कीमत को मान रही है, लेकिन याचिकाकर्ताओं की मांग है कि कीमत 2017 के हिसाब से हों, जब परियोजना शुरू हुई थी.
चीफ जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस वीएम पंचोली की खंडपीठ ने चार अलग-अलग याचिकाओं को स्वीकार कर लिया. इसके बाद पीठ ने सरकार के वकील को कहा कि वो इस मामले में सरकार से निर्देश लें और मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.
किसानों ने अपनी याचिका में ये दावा किया कि गुजरात सरकार के पास ऐसी अधिसूचना जारी करने की शक्ति नहीं है क्योंकि परियोजना दो राज्यों, गुजरात और महाराष्ट्र के बीच बंटी थी. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि इस तरह की स्थिति में, केवल केंद्र भूमि अधिग्रहण के लिए ऐसी अधिसूचना जारी कर सकता है,
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन को आम और चीकू किसानों की लाल झंडी
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)