Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Haryana: 142 स्कूली छात्राओं ने प्रिंसिपल पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप

Haryana: 142 स्कूली छात्राओं ने प्रिंसिपल पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप

Haryana: इससे पहले करीब 15 लड़कियों ने कथित कृत्यों को लेकर 31 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा था.

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>Haryana: 142 स्कूली छात्राओं ने प्रिंसिपल पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप</p></div>
i

Haryana: 142 स्कूली छात्राओं ने प्रिंसिपल पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

हरियाणा (Haryana) के जींद में एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 142 नाबालिग लड़कियों ने अपने प्रिंसिपल पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. प्रिंसिपल पर आरोप है कि वो छह साल से नाबालिग छात्राओं से गंदी हरकत कर रहा था.

मामले को लेकर एएनआई से बातचीत में जींद जिले के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इमरान रजा ने कहा..

"उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) के नेतृत्व में एक जांच कमेटी ने कुल 390 लड़कियों के बयान दर्ज किए हैं और हमने 142 मामलों की शिकायतें आगे भेज दी हैं. लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद आगे की कार्रवाई का काम शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को सौंपी गई है. इन 142 लड़कियों में से अधिकांश ने प्रिंसिपल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया, जबकि बाकी ने कहा कि वे इस कृत्य की गवाह थीं. आरोपी प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. "

राष्ट्रपति और पीएम से भी लगाई थी न्याय की गुहार

इससे पहले करीब 15 लड़कियों ने कथित कृत्यों को लेकर 31 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य महिला आयोग सहित अन्य को पत्र लिखा था.

13 सितंबर को हरियाणा महिला आयोग ने पत्र पर संज्ञान लिया और कार्रवाई के लिए इसे जींद पुलिस को भेज दिया. हालांकि, यह भी आरोप था कि पुलिस ने FIR दर्ज करने में देरी की.

आरोपी को 4 नवंबर को गिरफ्तार किया गया और 7 नवंबर को अदालत में पेश किया और उसके बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

राज्य महिला आयोग ने पहले कहा था कि सरकारी स्कूल की 60 लड़कियां प्रिंसिपल के खिलाफ अपना बयान दर्ज कराने के लिए आगे आईं हैं. हालांकि, अब यह संख्या बढ़कर 142 हो गई है.

मामले पर विचार करते हुए, एक कानूनी विशेषज्ञ ने कहा कि पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित जिला अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि POCSO अधिनियम, विशेष रूप से उप-धारा 19, 20 और 21, यह निर्धारित करते हैं कि यदि किसी नाबालिग लड़की के खिलाफ यौन उत्पीड़न की सूचना मिलती है तो एक एफआईआर जल्द से जल्द मामला दर्ज करना होगा.

कई एक्टिविस्टों ने यह भी सवाल उठाया कि आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करने में पुलिस को डेढ़ महीने क्यों लग गए.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

जांच में दोषी पाया गया प्रिंसिपल-डिप्टी कमिश्नर

डिप्टी कमिश्नर ने ANI को बताया...

"सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) रैंक के तीन अधिकारियों की एक टीम की जांच के दौरान प्रिंसिपल को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है. अब इसके बाद आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किया जाएगा. बर्खास्तगी और उसकी नौकरी के साथ मिलने वाले भत्तों भी नहीं दिए जायेंगे."

डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि गिरफ्तार प्रिंसिपल के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर फैसला आरोपपत्र दाखिल होने के बाद लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मामले की आगे की जांच के लिए अतिरिक्त वशिष्ठ डिप्टी कमिश्नर (ADC) हरीश को नियुक्त किया गया है.

प्रिंसिपल के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए 16 नवंबर को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) दीप्ति गर्ग के नेतृत्व में छह सदस्यों की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था.

नाबालिग लड़कियों की काउंसलिंग का निर्देश

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) श्रीकांत जाधव ने जांच टीम को 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने और नाबालिग लड़कियों के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT